Astrology – ज्योतिष एक दिव्य और प्राचीन विज्ञान है जिसके द्वारा एक ज्योतिषी एक जिज्ञासु को कुंडली विश्लेषण और ज्योतिषीय सलाह से, जीवन के विभिन्न चरणों में मार्गदर्शन करता है| Astrology ज्योतिष खगोलीय पिंडों की भाषा का एक वैज्ञानिक अध्ययन और डिकोडिंग है| Astrology विज्ञान खगोलीय पिंडों को एक कुंडली के रूप में मैप करता है और पूरी प्रक्रिया शुद्ध खगोल विज्ञान और गणित पर आधारित है| जन्म के समय इन स्वर्गीय निकायों का नियोजन ही पृथ्वी पर हमारे जीवन की दशा और दिशा का निर्धारण करता है|
Astrology (ज्योतिष) अति प्राचीन काल से अस्तित्व में है| ज्योतिष वेद का एक हिस्सा है| यह वेदांग के षडांग (छह अंग) का एक अंग है| बाकी अंग हैं शिक्षा, कल्प, निरुक्त, छंद और व्याकरण| ज्योतिष संस्कृत के दो शब्दों से बना है – ज्योति (प्रकाश) और ईश (भगवान) | यह वास्तविक रूप में इश्वर का प्रकाश है|
ज्योतिष विज्ञान (Astrology) मानव जीवन की अति सूक्ष्म जटिलताओं से संबंधित है| यह हमारे अतीत, वर्तमान और भविष्य के जीवन का एक अध्ययन है| इस विज्ञान के द्वारा एक व्यक्ति के जीवन पर राशि चक्र में सभी ग्रहों के संचयी प्रभाव का अध्ययन किया जाता है| हालांकि, ज्योतिष सिर्फ भविष्य कथन (fortune telling ) ही नहीं है, किन्तु यह किसी भी अन्य विज्ञान के सामान एक सटीक विज्ञान है; या यूं कहा जाये की यह भगवान से ही वंशज होने वाला एक दिव्य विज्ञान है|
एक विशेषज्ञ और अनुभवी ज्योतिषी दशाओं और transit या गोचर के आधार पर अनुकूल समय की पहचान कर यह बता सकता है की आप जीवन में full speed से आगे बढ़ें या कुंडली विश्लेषण के आधार पर प्रतिकूल समय के दौरान सावधानी / calculated risk उठाते हुए कदम बढायें|
सटीक और व्यक्तिगत कुंडली विश्लेषण के लिए Main chart (जन्म कुंडली) के साथ संभागीय कुंडलियों (divisional charts) जैसे डी 2-होरा, D4-Chaturthamsa, डी -7 Saptamasa, डी -9 Navamsa, डी -10 Dasamsa वगैरा divisional chart के गहन अध्ययन करने की आवश्यकता होती है| Astrology में जब तक इन divisional charts के साथ विश्लेषण नहीं किया जाता, तब तक सही और सटीक prediction नहीं किया जा सकता| संभागीय चार्ट्स आपके जीवन की विभिन्न घटनाओं को देखने के लिए cast की जाती है जिससे वर्तमान और भविष्य की घटनाओं का सार्थक निष्कर्ष निकाला जा सके|
मैं अलग अलग दशा प्रणालियों जैसे पाराशरी विमशोत्तरी दशा, जैमिनी चर दशा वगैरा के एक समग्र दृष्टिकोण का प्रयोग करते हुए predictions का double check किया करता हूँ| सही prediction तभी निकला सकता है जब उसे अलग अलग प्रणालियों द्वारा जांचा जाये|
आज हमारे पास ब्रह्मांड में ग्रहों की आवाजाही पर नजर रखने के लिए आधुनिक और परिष्कृत खगोलीय उपकरणों की भरमार है| हालांकि, प्राचीन भारत में हमारे ऋषियों, मुनियों और योगियों ने अपनी आध्यात्मिक तपस्या, योग sadhanas और तप के माध्यम से वो विशेष क्षमता विकसित की थी जिससे ग्रहों और खगोलीय पिण्डों की चौंकाने वाली data को दस्तावेज किया| ये data हमारे शास्त्रों और पुराणों में आज भी उपलब्ध है जो कोई भी देख सकता है| ये विडंबना है की ज्योतिष में विश्वास न रखने वाले कुछ आधुनिक वैज्ञानिक आज अपनी खोजों, आविष्कार और उपकरणों की मदद से उसी data की पुष्टि मात्र कर रहे हैं जो आज से हजारों वर्ष पूर्व दस्तावेज किया जा चुका है !!
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