Sawan Shivratri 2024 – कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि मासिक शिवरात्री होती है| मासिक शिवरात्री में Sawan month यानी श्रावण मॉस की शिवरात्री का खास महत्व है| श्रावण का पूरा महीना शिव को अर्पित है| श्रावण मॉस में एक बड़ी तीर्थयात्रा होती है कांवड़ यात्रा यानी Kawad yatra.
समूचे उत्तर भारत में बड़ी प्रसिद्ध है sawan month की कांवड़ यात्रा जब दूर दूर से शिवभक्त जिन्हें कांवड़ियों के नाम से जाना जाता है, पैदल चल कर हरिद्वार, गौमुख और गंगोत्री आदि से गंगा जल लाकर अपने अपने शिव क्षेत्रों में सावन की शिवरात्री को शिवलिंग अभिषेक करते हैं| पूरा माहौल “हर हर महादेव”, “बम बम भोले” और ॐ नमः शिवाय से गूंजता रहता है|
Sawan shivratri सावन शिवरात्रि कथा
Sawan Shivratri के सन्दर्भ में शास्त्रों के अनुसार एक पौराणिक कथा है की देवताओं और दानवों ने जब अमृत प्राप्ति के लिए समुद्र मंथन शुरू किया तो समुद्र से हलाहल नाम का बहुत ही जहरीला विष उत्पन्न हुआ था|
ये एक ऐसा विष था जिसमें पूरे त्रिलोक को समाप्त करने की शक्ति थी| किसी के पास इस उफनते तेज ज़हरीले विष को काबू में करने की ताकत नहीं थी| उस समय महादेव ने त्रिलोक रक्षा के लिए उस पूरे विष को दोनों हाथों में ले कर पी डाला| विष के आखिरी बूँद को अपने मुंह में डालते ही देवी पार्वती ने शिव के कन्ठ को पकड़ लिया जिससे विष वहीँ रुक गया|
विष के तेज से शिव का कन्ठ नीला पड़ गया और वो “नीलकंठ महादेव” कहलाये| ये sawan month कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि थी और तब से ही इस दिन को शिवरात्री के रूप मे मनाया जाने लगा जब लोग पूरी रात जाग कर शिव पूजा, शिव अर्चना और शिव महिमा का गुणगान करते हैं|
Sawan Shivratri 2024 व्रत कैसे करें?
श्रावण मॉस की शिवरात्री इस वर्ष 02 अगस्त 2024 को है| श्रावण मॉस की शिवरात्री बहुत ही पावन मानी जाती है| Sawan Shivratri के व्रत का भी बड़ा महत्व है| जिनका स्वास्थ्य allow करे या जिन्हें कोई medical condition ना हो, ऐसे लोग व्रत रख सकते हैं|
कैसे करें व्रत – एक बड़ा ही सरल तरीका समझते हैं| Sawan Shivratri से एक दिन पहले त्रयोदशी यानी 1 अगस्त को, हो सके तो दिन में एक बार अच्छी तरह भोजन करें| इससे अगले दिन का व्रत आराम से हो जाता है क्यूंकि आपका system overloaded नहीं होता|
शिवरात्री के दिन सुबह स्नानादि से निवृत्त होकर शिव स्वरुप के समक्ष संकल्प लें की पूरे दिन रात व्रत अनुष्ठान करके अगले दिन ही भोजन लेंगे| संकल्प एक भाव है, अपने से promise है, देवसमक्ष, की हे महादेव, मेरा व्रत अनुष्ठान निर्विघ्न हो, मुझे अपने पर control रहे, आत्मसंयम रहे की मुझे क्षुधा या तृष्णा परेशान ना करे| मैं ये पूरा समय शिव पूजा, अर्चना, शिव आराधना और शिव ध्यान में लगाऊं|
ऐसा संकल्प लेकर पूरा दिन शिव पुराण पढ़ सकते हैं, शिव meditation कर सकते हैं, मंदिर में भजन में समय लगा सकते हैं और शिव महिमा सुन और सुना सकते हैं| संध्या में फिर स्नान लेकर शिव पूजा, शिवलिंग अभिषेक आदि करें| ये पूजा आप अपने घर में भी कर सकते हैं या मंदिर में जाकर भी|
पूजा के बाद बिल्व पत्र, बेर, धतूरा और फल मिष्टान्न आदि का भोग लगा कर शिव कृपा की प्रार्थना करें| यदि व्रत ना भी रख सकें तो पूरे मन, ध्यान और आत्मसमर्पण से पूजा अर्चना आराधना करें| इस दिन की पूजा अर्चना आराधना और शिवध्यान शारीरिक, मानसिक, आर्थिक हर तरह की उन्नति प्रदान करता है|
शिव अष्टोत्तर नाम एक बहुत ही सरल पर बहुत ही प्रभावकारी स्तोत्र है जिसे आप यहाँ download कर सकते है| इस स्तोत्र का पूरे दिन पाठ करें, शिव कृपा के प्रार्थी बनेंगे|
Shiva Ashtottaram यहाँ download करें|
Shivratri पूजा के फल
- इस दिन का महामृत्युन्जय जाप रोग शोक व्याधियों का निवारण करता है|
- इस दिन का मंगला गौरी जाप विवाह की अडचनों को दूर करता है|
- इस दिन का रूद्र चमकम जाप दरिद्रता का नाश कर धन धान्य परिपूर्णता देता है|
- इस दिन का शिव ताण्डव स्तोत्र जाप शत्रु दोष निवारण करता हैं|
- इस दिन का कालभैरवाष्टक जाप राहू शांति देता है|
- इस दिन का नवग्रह स्तोत्र पारण नवग्रह शान्ति प्रदान करता है|
- इस पूरे दिन पंचाक्षरी जाप हर तरह की सुख समृद्धि देने में सक्षम है|
तो आइये इस वर्ष Sawan Shivratri पूरे मन भाव और आत्मसमर्पण के साथ शिव पूजा कर शिव कृपा के प्रार्थी बनें|
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