Yellow Sapphire gemstone – राशी रत्न पुखराज ब्रहस्पति का रत्न है| ब्रहस्पति धन सम्पदा, ऐश्वर्य, शिक्षा, बुद्धि, ज्ञान, यश आदि के कारक हैं और यदि ब्रहस्पति कुंडली में शक्तिहीन हो जायें तो यह सभी चीजें प्रतिकूल रूप से प्रभावित हो जाती हैं|
अविवाहित कन्याओं के लिए पुखराज धारण का बड़ा महत्व है क्यूंकि स्त्री जातक में ब्रहस्पति ग्रह पति के कारक हैं और पुखराज धारण अविविअहित कन्याओं के शीघ्र विवाह में काफी सहायक होता है|
ब्रहस्पति एक शुभ, गुणकारी और सात्विक ग्रह हैं| ब्रहस्पति बुद्धि, गुरु, टीचर, पति, शिक्षा, ज्योतिष, logic, learning, इन्द्रियों पर संयम, बच्चे एवं धन ऐश्वर्य आदि के द्योतक हैं|
पीड़ित ब्रहस्पति अपने अन्य कारकत्वों के अलावा स्वास्थ्य, धन संपत्ति और ऐशवर्य के लिए शुभ नहीं होता| जबकि अच्छी स्थिति में बैठा ब्रहस्पति ज्ञान, बुद्धि, धन संपत्ति, ऐश्वर्य एवं नाम तथा यश देता है|
एक अच्छे पुखराज (Yellow Sapphire gemstone) की पहचान कैसे हो ?
- एक अच्छी quality के पुखराज में जो पीला रंग है वो असमान रूप से फैला होता है | एकसमान पानी की तरह फैला पुखराज mostly कृत्रिम होगा|
- शीशे की तरह अन्दर से एकदम साफ़ पुखराज (Yellow Sapphire gemstone) इसके उपरत्न सुनैला होने का द्योतक है या कृत्रिम रत्न का|
- एक अच्छे पुखराज (Yellow Sapphire gemstone) में प्राकृतिक समावेश natural inclusion होने चाहिये जो इसके original होने का प्रमाण है|
- पुखराज (Yellow Sapphire gemstone) की सतह पर किसी तरह का dent इसका दोष बन जाता है चाहे वो पत्थर के किनारे पर ही क्यों न हो|
- पत्थर देखने में सुन्दर, चमक वाला होना चाहिए, बुझा सा या कांतिहीन पत्थर अपयश का कारण बनता है|
पुखराज (Yellow Sapphire gemstone) पीले रंगों के शेड्स हलके पीले से गहरे पीले रंग में आता है जिसमे नारंगी पीला सबसे बढ़िया माना जाता है| पुखराज रत्न में रंगों की फैलावट अक्सर अनियमित तरह से होती है मतलब इसमें रंग एकसार फैले नहीं होते बल्कि असम तरीके से अनियमित zones में होती है | पुखराज में रंग का कारण लोह तथा टाइटैनियम की उपस्थिति होती है|
प्राकृतिक समावेश (Natural inclusions) पुखराज में आम बात है बल्कि ये इसकी कृत्रिम (synthetic stones) बनाम प्राकृतिकता का प्रमाण है| इन समावेशों (inclusions) को रत्न विज्ञान की भाषा में रूटायल नीडल, सिल्क रूटायल, सीधी या कोणीय धारियां (angular banding), नेगेटिव क्रिस्टल और fingerprint inclusions आदि से जाना जाता है | ये समावेश (inclusions) वास्तव में रत्न के अन्दर “प्रकृति के हस्ताक्षर” (“Nature’s Signature” ) हैं नाकि रत्न के किसी तरह के खोट|
न्यायपालिका एवं न्यायाधीश जैसे व्यवसाय के लोग, पुरोहितगण, धार्मिक टीचर एवं उपदेशक, राजनीति में संलग्न लोग एवं शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोग आदि सब ब्रहस्पति के प्रभाव में आते हैं इसलिए पुखराज रत्न (Yellow Sapphire gemstone) इन सब के लिए अति उपयोगी रहता है|
स्त्री जातक में ब्रहस्पति का स्थान, दृष्टि एवं युति आदि बहुत महत्वपूर्ण होता है क्यूंकि इसी से विवाह, पति से relation आदि देखा जाता है | विवाह इच्छुक कन्याओं के लिए पुखराज धारण अति उत्तम रहता है|
शारीरिक कष्टों में पीड़ित या अशुभ स्थिति में स्थित ब्रहस्पति liver की बीमारियाँ, pancreas से सम्बंधित रोग, डायबीटीज़ या मधुमेह, मोटापा, arthritis या गठिया, पीलिया, सूजन तथा अत्यधिक प्रतिकूल होने पर टी बी तक का कारण बन सकता है|
एक अच्छी quality का पीला पुखराज रत्न दीर्घकालीन ऐश्वर्य, अच्छी सेहत तथा गरीबी से रक्षा करते हुए unlimited धन देने में सक्षम होता है| हालांकि ब्रहस्पति एक शुभ और गुणकारी ग्रह हैं किन्तु अत्यधिक पीड़ित या प्रतिकूल होने पर अपनी महादशा में मारक भी बन सकते हैं| इसीलिए कुंडली का अतिसूक्ष्म अध्ययन और विश्लेषण के बाद ही पुखराज रत्न धारण करना चाहिए|
रत्न धारण का बड़ा ही ख़ास वैदिक अनुष्ठान है जिसके द्वारा रत्नों का शुद्धीकरण करके, पहनने वाले के चक्रों से रत्न के उर्जा को ट्यून करके रत्न पहना जाता है| इस अनुष्ठान से पहना हुआ रत्न जातक को वो सब फल देता है जिसके लिए रत्न धारण किया गया है |
Yellow Sapphire gemstone data



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