Diamond gemstone – हीरा एक विस्मयकारी रत्न है| इसकी चौंधियाने वाली चमक अद्भुत होती है| ये अतिमूल्यवान रत्न क्या किस्मत बदल देता है ? शुक्र ग्रह का ये रत्न क्या धन भाव को सशक्त करता है ?
शुक्र ग्रह एक गुणकारी तथा शुभ ग्रह है जो कुंडली में जिस भाव में स्थित होते हैं उस भाव के कारकत्व को बढाते हैं, जो ग्रह इनसे युत हों उन पर अच्छा प्रभाव छोड़ते हैं तथा जिस भाव और जिस ग्रह को ये दृष्टि दें, उन पर भी सुप्रभाव छोड़ते हैं|
शुक्र कालपुरुष कुंडली के द्वितीय एवं सप्तम भाव के स्वामी हैं और इस तरह ये हमारे जीवन के दो सबसे महत्वपूर्ण भावों – धन भाव तथा वैवाहिक या दाम्पत्य भाव को rule करते हैं| हीरा धारण करने से शुक्र की स्वामित्व वाले दोनों भावों को, जो संसारिक जीवन के लिए अति महत्वपूर्ण हैं, बल मिलता है| यदि कुंडली में शुक्र शक्तिहीन अवस्था में हों तो हीरा रत्न धारण (Diamond gemstone) जीवन की दिशा बदल सकता है|
एक अच्छे quality के हीरे (Diamond gemstone) में क्या गुण होने चाहिये ?
हीरे की quality एवं मूल्य निर्धारण का सबसे महत्वपूर्ण point होता है हीरे की चमक जो इसके अन्दर की clarity पर आधारित है और इसके अन्दर के समावेश inclusion जो सिर्फ 10x loupe (10 गुना आवर्धक उपकरण) की मदद से ही देखे जा सकते हैं| बाकी के मापदंड अन्य रत्नों की तरह ही लैब में प्रमाणित होते हैं पर cut, clarity एवं color हीरे के लिए अलग से applicable होता है नीचे हीरे के categories और इनमे क्या गुण होने चाहिये दिया गया है :-
- Best quality हीरा IF केटेगरी का होता है जिसका मतलब है Internally Flawless अन्दर से एकदम दोषरहित| मगर ऐसा हीरा मिलना बहुत हे rare है ,अगर मिल भी जाये तो ऐसे हीरे का मूल्यांकन करना बहुत ही कठिन होगा|
- इसके बाद की category होती है VVS1 तथा VVS2 जिसका मतलब है Very Very Slightly Included (इनके अन्दर दोष या समावेश ढूंढना बहुत ही अधिक कठिन होता है जिसे अत्यधिक अनुभवी check करने वाला grader ही पकड़ सकता है) ये category भी बहुत अधिक महँगी और होती है जो इतनी आसानी से नहीं मिलती|
- अगली category है VS1 और VS2 जिसका मतलब है Very Slightly Included (ऐसे हीरे के अन्दर कुच्छ कठिनता से detect कर सकने वाले दोष रहते हैं) हीरे की यह category भी महँगी होती तो है मगर अच्छे बड़े हीरों के showrooms में मिल जाती है|
- फिर आती है S1 एवं S2 category जिसका मतलब है Slightly Included. इन हीरों में छोटे हलके inclusion होते हैं जो कई बार तो उपकरणों के बिना भी दिख जाते हैं| इस category के हीरे आसानी से market में मिल जाते हैं और ये थोड़े affordable भी होते हैं
- इसके बाद एक category आती है I1, I2 तथा I3 जिसका मतलब होता है Imperfect. इस category के हीरे के अन्दर आसानी से दिखने वाले दोष रहते हैं जो रत्न की चमक, पारदर्शिता और तेज को बहुत ज्यादा प्रभावित करते हैं| इस category का हीरा नहीं धारण करना चाहिये |
- हीरे की सतह (table) पर कोई extra फेस नहीं होना चाहिये| कई बार सतह (table) पर कोई छोटा मोटा निशान मिटाने के लिए कारीगर एक extra फेस बनादेते हैं, ऐसा हीरा धारण नहीं करना चाहिये क्यूंकि इससे table असंतुलित हो जाता है|
- हीरे पर किसी तरह का dent नहीं होना चाहिए|
हीरा या Diamond gemstone शुक्र ग्रह का रत्न है जिसे संस्कृत में वज्र भी कहा जाता है| हीरा रत्न समस्त रत्नों में सबसे ज्यादा कठोर रत्न है, कठोरता में हीरे की तुलना में कोई पत्थर नहीं आता| हीरा शुद्ध carbon है और प्रकृति में पाए जाने वाले carbon atoms के सबसे सघन सबसे गठित carbon अणुओं का संयोजन (most compact arrangement of carbon atoms) है|
Diamond gemstone वर्णहीन (colourless) भी आता है साथ ही पीले, भूरे, नीले, गुलाबी एवं काले shades में भी आता है| प्रकाश के सामने हीरा रत्न बहुत चमकदार आभा देता है| ये रत्न बहुत ही जगमग करता हुआ, चौंधियाने वाला रत्न है जो प्रकाश की किरण को emit करता है|
अशुभ स्थिति में बैठे अथवा नीच के या पीड़ित शुक्र विवाह में विलम्ब या अविवाह भी दे सकते हैं, साथ ही जातक को दरिद्र कर सौन्दर्य विहीन भी कर देते हैं| इस तरह का पीड़ित शुक्र आँखों की बीमारी, अंडाशय (ovaries) के रोग, cysts, आंतरिक अवयवों में सूजन, खाने पीने एवं sex में अतिभोग तथा वीर्य/यौन रोग भी दे सकता है| यदि ऐसा शुक्र किसी और संभागीय कुंडली divisional chart (जैसे D9 या नवांश) में अच्छी स्थिति में स्थित हो जाये हीरा धारण इसे शक्ति प्रदान कर इसके दोष दूर करने में सक्षम होता है |
हीरा रत्न (Diamond gemstone) शुक्र की उर्जा को आकर्षित कर, कमजोर या पीड़ित शुक्र के प्रतिकूल असर को काफी हद तक कम कर सकता है| हीरा रत्न (Diamond gemstone) धारण करने से positivity, धन-संपत्ति, आराम व विलासिता की प्राप्ति होती है तथा शुक्र से सम्बंधित रोगों से भी निजात मिलता है|
हीरा रत्न (Diamond gemstone) रत्न पहनने में बाधक केवल एक ही चीज़ है – इसकी ऊँची कीमत, प्रायः हर कोई अच्छी quality तथा अच्छे size के हीरे को खरीदने में समर्थ नहीं होता|
साधारणतया सफ़ेद पुखराज या क्रिस्टल उपरत्न के रूप में पहना जा सकता है| कुंडली के अतिसूक्ष्म अध्ययन व विश्लेषण के बाद ही हीरा रत्न धारण करना चाहिए |
रत्न धारण का बड़ा ही ख़ास वैदिक अनुष्ठान है जिसके द्वारा रत्नों का शुद्धीकरण करके, पहनने वाले के चक्रों से रत्न के उर्जा को ट्यून करके रत्न पहना जाता है| इस अनुष्ठान से पहना हुआ रत्न जातक को वो सब फल देता है जिसके लिए रत्न धारण किया गया है|
Join the Discussion!