गर्मियां शुरू हो चुकी हैं| बच्चों के पेपर ख़त्म और नए सेशन शुरू होने वाले हैं| उधर दूसरी तरफ senior secondary के बाद वाले Competitive exams की तैय्यारियाँ भी जोर शोर से चल रही है| इन दिनों मुझसे काफी सवाल पूछा जाता है की पिछला साल तो निकल गया अब higher स्टडी शुरू होने वाली है, कैसे करें, क्या करें? पढाई में मन कैसे लगायें, या what to study? what to do to get success in exams?
एक और बड़ा general प्रश्न है तक़रीबन हर parents का – बच्चे कौन सा subject लें की सफलता मिले या what to study या फिर बच्चों का पढाई में मन कैसे लगायें? यही प्रश्न तकरीबन उन लोगों का भी रहता है जो अलग अलग कम्पटीशन की तैय्यारी में लगे हैं|
शिक्षा और ज्योतिष – Education and Astrology के इस series में हम studies से सम्बन्धित इन्ही विषयों पर बात करेंगे|
तो आइये आज बात करते हैं तकनीकी शिक्षा से सम्बंधित ग्रह कौन से हैं? ग्रहों के कौन से combination technical subjects की तरफ ले जायेगा? What to study in technical line?
Education के भाव
विद्या को मुख्यतः द्वितीय भाव से और पंचम भाव से देखा जाता है| द्वितीय भाव कुटम्ब भाव और वाक् स्थान भी है| द्वितीय भाव संस्कारों का भी भाव है, वो संस्कार जो हमें घर से मिलते हैं| दुनिया की सबसे बड़ी teacher या गुरु माँ होती है जो हमें संस्कार देती है और सबसे बड़ी और पहली शिक्षा – पिता की पहचान देती है|
पंचम भाव विद्या का भाव है| शिक्षा, प्रज्ञता, पांडित्य, बुद्धि, विवेक, ज्ञान, मंत्रसिद्धि, वाक्पटुता, शास्तों का ज्ञान आदि सब पंचम भाव के अधिकार क्षेत्र में आते हैं|
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शिक्षा के कारक हैं बुध और ब्रहस्पति| बुध बुद्धि (mind) का कारक है और ब्रहस्पति ज्ञान (intelligence) का| बुध ने ब्रहस्पति से ही ज्ञानार्जन किया था, जो directly दिखाता है की mind learns from intelligence.
विद्या के कारक ग्रहों पर अशुभ ग्रहों या भावों का असर विद्या दोष देता है| पंचम भाव में अशुभ ग्रहों के स्थिति या पंचम भाव का पीड़ित होना भी शिक्षा पर प्रतिकूल असर देता है|
पंचम भाव में उच्च के ग्रहों का स्थित होना, इसमें शुभ ग्रहों का सम्बन्ध होना, शुभ कर्तरी योग में होना, पंचमेश का शुभ ग्रहों या गुरु से युत या दृष्ट होना आदि सब अच्छी शिक्षा अर्जित करने में सहायक होते हैं| बुध, चन्द्र और मंगल का बलशाली शुभ ग्रहों से दृष्ट होना जातक को चतुर, समझदार और हाजिर जवाब बनाता है|
विभिन्न विषयों का ग्रहों से सम्बन्ध
What to study – Technical Subjects
Mathematics
गणित – गणित या इससे सम्बंधित विषय जैसे Applied mathematics, computer से related mathematics, statistics, mathematical economics, financial mathematics, mathematical physics आदि मुख्यतः सूर्य के अधिकार में आते हैं| उपरोक्त या इनसे related विषयों के लिए सूर्य के साथ logic के कारक मंगल का और गणित के कारक बुध का सम्बन्ध कुंडली में पंचम भाव/पंचमेश से जरुरी है| साथ ही जन्म कुंडली के supplementary chart – नवांश चार्ट में भी जन्म कुंडली के पंचम भाव और पंचमेश तथा नवांश के लग्न को भी देखना पड़ता है|
Physics
भौतिक विज्ञान – Physics विज्ञान की वो शाखा है जो ब्रह्माण्ड के मौलिक कानूनों पर आधारित है| इन fundamental laws of universe को गणितीय ढाँचे में निरूपित करना ही वास्तव में भौतिक विज्ञानं है|
शनि और बुध का सूर्य के साथ पंचम/पंचमेश से सम्बन्ध Physics की study देगा| इस combination के साथ पंचम भाव यदि जलीय राशी हुई या मंगल की वृश्चिक राशी हुई या चन्द्र का strong connection आया तो Chemistry की तरफ interest रहेगा|साथ ही जन्म कुंडली के supplementary chart – नवांश चार्ट में भी इन ग्रहों के बल में कमी नहीं आनी चाहिए और connection बरकरार रहना चाहिए|
Engineering
Mechanical इंजीनियरिंग – मंगल (यांत्रिकी, tools, औजार, physical force, उर्जा आदि के कारक) शनि (technical knowledge के कारक) तथा सूर्य (ब्रह्माण्ड के उर्जा स्तोत्र) का सम्बन्ध पंचम भाव से पंचमेश से होने पर इस विषय पर education रहेगा| कहने की जरुरत नहीं की जन्म कुंडली के supplementary chart – नवांश चार्ट में भी इन ग्रहों का बली होना आवश्यक है|
Civil engineering – पंचम भाव/पंचमेश का शुभ सम्बन्ध जब मंगल शनि और बुध से आता है तो Civil इंजीनियरिंग की तरफ ले जाएगा| इस combination के साथ चतुर्थ भाव का association भी जरुरी है क्यूंकि भूमि, निर्माण और सरंचना का भाव है चतुर्थ भाव|
Electrical engineering – आग्नेय ग्रह सूर्य मंगल और technical planet शनि का शुभ सम्बन्ध जब पंचम भाव/पंचमेश से आता है तो इस विषय पर education देगा| What to study अगर इस combination में बुध भी शामिल हो जाये? तो झुकाव Electronics engineering की तरफ होगा| Needless to say जन्म कुंडली के पूरक यानी supplementary चार्ट में इन ग्रहों बलहीन या पीड़ित नहीं होना चाहिए|
Computer Science
What to study अगर सूर्य, शनि मंगल और बुध शिक्षा के भाव को प्रभावित करें? प्रकाश उर्जा परमाणु के कारक सूर्य, तकनीकी engineering के कारक शनि या electricity के कारक मंगल और communication के कारक बुध के साथ भाषा के कारक केतु (Computer Language) का सम्बन्ध जब पंचम भाव और पंचमेश से आयगा तो ये विषय जीवन में सफलता देगा| नवांश चार्ट में भी इनका connection रहना चाहिए| और पंचम भाव के इस सम्बन्ध में अष्टम भाव या अष्टमेश भी जुड़ जाये तो ये Robotics में research की तरफ ले जाएगा|
Microbiology
सूक्ष्मजीव विज्ञान – What to study if Jupiter Moon and Rahu connects to fifth house? जीव के कारक ब्रहस्पति, जल के कारक चंद्रमा के साथ जलीय राशी और अपरंपरागत ग्रह राहू-केतु का पंचम और पंचमेश से सम्बन्ध माइक्रोबायोलॉजी की तरफ ले जाएगा| यहाँ चंद्रमा राहू केतु का सम्बन्ध इसलिए आएगा क्यूंकि इस विषय में बहुत से रासायनिक क्रियाएं (chemical process) तथा अति सूक्ष्म microscopic analysis रहती हैं जो द्रव्य (Liquid) से भी सबंधित हैं| नवांश चार्ट में ये combination extend होनी चाहिए|
Biotechnology
जैव प्रौद्योगिकी – जीव विज्ञान और तकनीकी का combination है बायोटेक्नोलॉजी| जीव के कारक ब्रहस्पति, technical planets शनि और मंगल के साथ चन्द्र और जलीय राशी का जब पंचम भाव और पंचमेश से association आएगा तो इस विषय में रूचि होगी| चंद्रमा और जलीय राशी सम्बन्ध इसलिए आएगा क्यूंकि इस विषय में भी बहुत सी रासायनिक क्रियाएं (chemical process) रहती हैं जो द्रव्य (Liquid) से सबंधित हैं| नवांश में इन्हें पीड़ित या नीच का नही होना चाहिए|
Biochemistry – Organism के कारक कुंडली में strong ब्रहस्पति का और जलीय राशियों के साथ चंद्रमा का सम्बन्ध पचम या पंचमेश से आने पर ये जीव रसायन (Biochemistry) की तरफ ले जायेगा|
Doctor
जीव विज्ञान के कारक ब्रहस्पति, शल्य क्रिया और चिकित्सक के कारक केतु के साथ औषधि के कारक सूर्य जब पंचम/पंचमेश से connected होंगे तो डॉक्टरी की तरफ ले जायेगा| यहाँ उपरोक्त combination के साथ छठे भाव का (रोग का भाव) अष्टम भाव का (accidents और अचानक दुर्घटना का भाव) और बारहवें भाव (Hospital) का association आना भी आवश्यक है साथ ही चंद्रमा का पीड़ित होना भी| चंद्रमा का पीड़ित होना आवश्यक है क्यूंकि चंद्रमा मन का कारक है और कमजोर दिल वाले डॉक्टरी चीर फाड़ नहीं कर सकते|
उपरोक्त सभी combinations एक broad indicator हैं, generally इन combinations में ये studies रहती है| Specifically व्यक्तिगत रूप से देखने के लिए कुंडली के सूक्ष्म अध्ययन की जरुरत पड़ती है, जो कुंडली विश्लेषण का विषय है|
शिक्षा और ज्योतिष – Education and Astrology के इस series के अगले article में हम Non Technical subjects पर बात करेंगे|
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