Relaxation technique – आधुनिक युग के इस अत्याधुनिक आरामदेह जीवन में भी आज हम कितना तनावपूर्ण जीवन व्यतीत कर रहे हैं, ये तो दोस्तों हमने महसूस किया ही होगा| आज हमारे जीवन में हमने आराम की हर चीज, हर मशीन और तरह तरह की सेवायें इकठ्ठी कर ली हैं|
आज हमें घर से बाहर निकले बिना हर चीज ऑनलाइन उपलब्ध हैं फिर भी आज चारों तरफ हर व्यक्ति दुखी दिखता है, परेशान और तनाव से भरा दिखता है| क्यों? इन सुख सुविधाओं के साजो सामान और हर तरह की सेवा ऑनलाइन से तो हमें चैन और आराम का जीवन मिलना चाहिए था, मगर सच तो हम और आप जानते हैं, इससे उल्टा है|
आज के इस आगे ही आगे निकलने की होड़ में, इस प्रतिस्पर्धात्मक युग में, सिर्फ एक ही मंत्र रह गया है – जीतना, जीतना और सिर्फ जीतना! इस अंधाधुंध दौड़ में हम एक पल रुक कर सांस लेना भूल गये हैं, सिर्फ पैसा कमाने की मशीन बन कर रह गए हैं| वास्तव में हो यह रहा है की अपने आराम के साजो सामान, सेवाओं और जीवनस्तर को maintain करने के लिए, पहले से ही stressful जीवन में हमें और ज्यादा पैसा बनाना पड़ता है, और ज्यादा काम करना पड़ता है| जरा इस तथ्य की विडम्बना तो देखिये – जो चीजें हमारे आराम और तनावमुक्त करने के लिए हैं उन्हें ही maintain करने के लिये, उनमे सुधार करते रहने के लिये हम कितने uncomfortable हो गए हैं|
तनावमुक्ति के लिए विश्रांति – Relaxation को अपनाएँ|
ये आज के जीवन का fact है की हम में से अधिकतर बहुत ही तनावपूर्ण और एक सीमित जीवन जीते हैं| वास्तव में हमलोग विश्राम – relax करना भूल गए हैं| क्या आप बता सकते हैं last time कब आप सुबह उठे थे और बोले थे “वाह, आज मैं कितना अच्छा feel कर रहा हूँ”| Last time कब आपने एक एक शब्द को enjoy करते हुए कोई मनोरंजक किताब एक ही बार में पढ़ी थी? कब था वो last समय जब सब कुछ भूल कर आप अपने बच्चों के साथ मस्त थे ये सोचते हुए की ये पल ख़त्म न हों? जब भी आप relax होकर किसी भी काम में पूरी तरह से involve होते हैं तो वो relaxation की फीलिंग आपको आपकी problems को भुला कर सिर्फ ख़ुशी देती है| मगर यही relaxation आज के जीवन में बहुत दुर्लभ वस्तु हो गयी है|
Relaxation technique – first step
विश्राम या relaxation सामान्य मानव स्वभाव है| ये आधुनिक जीवन की विडम्बना है की इस इंसानी स्वभाव को सीखना पड़ रहा है जैसे हम अपने interest के किसी नये विषय को सीखते हैं| तो दोस्तों, आइये आज मैं आपको बहुत ही सरल पर बहुत ही प्रभावशाली विश्रांति तकनीक – Relaxation technique बताता हूँ जो आगे आपको मैडिटेशन की गहराइयों तक ले जाने में सहायक होगा|
इस Relaxation technique को मैं “अपने शरीर से वार्तालाप” कहता हूँ| इस तकनीक की खोज से पहले जब मैं relaxation के अलग अलग methods ढूंढ रहा था तब बड़ा confuse था| मैंने golden light visualisation तकनीक (मानस दर्शन – कल्पना आदि) try किया, जिसमे स्वर्णिम आभा की कल्पना करनी पड़ती है, और फिर सफ़ेद मंडल तकनीक (white halo visualisation technique) की चेष्टा की, purple cocoon technique को भी try किया, पर कुछ भी काम नहीं आया| एक्चुअली ये relaxation के अलग अलग तकनीक है जिन्हें Internet पर पढ़ सकते हैं| और हताश होकर जब मैंने internet पर रिसर्च किया तो पता चला इस भीड़ में मैं अकेला नहीं था, बहुत लोग थे जो पूरी एकाग्रता के साथ visualise करने में असमर्थ थे|
इस अद्भुत तकनीक को आप रात्री के समय सोने से पहले अपने बिस्तर पर लेटे लेटे कर सकते हैं या सुबह उठते ही बिस्तर छोड़ने से पहले लेटे लेटे कर सकते हैं| वैसे मेरे अनुभव में रात्री में इसे करना बहुत ही असरकारक है |
आराम से बिस्तर पर या जमीन पर, जहाँ भी आप comfortable हों, लेट जायें| शरीर पर कोई कसा हुआ कपडा, बेल्ट आदि न हों जिससे लम्बी सांस लेने में बाधा हो| Loose कपडे पहनें| अब धीरे धीरे गहरी सांस लेना शुरू करें| बिलकुल आराम से, comfortably सांस लें, धीरे धीरे पूरी सांस लें और उतने ही आराम से और धीरे सांस छोड़ें| देखिये, यहाँ ध्यान रखें की आपको कुछ भी जबरदस्ती नहीं करना, force नहीं करना, क्यूंकि force करना relax करने के opposite है जो आपको tense कर देगा| बिलकुल आराम से धीरे धीरे comfortably सांस लेते छोड़ते रहिये, थोड़ी ही देर में अपने आप आपकी सांस एक ताल में आ जाएगी|
Relaxation technique – second step
अब next step में इसके साथ साथ मन में बोलना शुरू करें “relax……relax…….विश्राम……आराम” जो भी बोलने में आप comfortable हों| अब अपने ध्यान को, चेतना को अपने सर के ऊपरी हिस्से में ले जायें| ये सुनने में शायद कुछ technical लगे, पर ये है कुछ नही – just बंद आँखों से अपने सर को सहज रूप से देखें, ध्यान अपने आप सर पर पहुँच जायेगा|
चेतना को, ध्यान को सर के area में रखते हुए, शान्ति से मन ही मन बोलें “relax करो, सर के area को relax करो”| कुछ पल बाद चेतना को सर से उतार कर धीरे माथे पर लायें, आँखों पर लायें और धीरे धीरे पूरे face को cover करें| मन में बोलते रहें “relax, मेरा सर, मेरा माथा, आँखें और face के muscles पूरी तरह से relax हों, मैं शांत हूँ, मैं सकून में हूँ”| धीरे धीरे गहरी सांस लेते हुए सर और face पर अपनी चेतना को enjoy करें| अब तक आपकी सांस काफी सूक्ष्म हो चुकी होगी| मतलब बहुत ही subtle हो गयी होगी|
अब अपने focus को गले और सीने के area में लायें और बड़ी शान्ति और सहजता से बोलें “relax…..मेरे गले के muscles, मेरे चेस्ट के muscles, सब relax हों…..शांत हों”| मेरा निजी अनुभव बताता है की जब हम इस तरह संबोधित करते हैं तो हमारी चेतना, हमारी consciousness उस area में आ जाती है| आप इसे अन्य पुरुष से भी संबोधित कर सकते हैं जैसे “अपने गले के muscles को relax करो……अपने चेस्ट area को पूरी तरह से relax करो” आदि|
आगे बढ़ते हुए अपनी चेतना को दोनों हाथों से लेकर उँगलियों तक ले जायें, गहरी सांस धीरे धीरे लेते छोड़ते हुए मन में बोलते रहें “अब मेरे हाथ, कलाई और उंगलियाँ relax हो रही हैं, शांत हो रही हैं ….मैं relaxed हूँ…सकून में हूँ” इस तरह बारी बारी दोनों हाथों में ऊपर से नीचे जायें और वापस कंधे का ध्यान करें|
गहरी सांस लेते हुए बोलें “मेरे कंधे के muscles, छाती और पेट के muscles पूरी तरह relax हों….शांत हों, विश्राम में हों और सकून में हों”| कंधे और पेट को बिलकुल ढीला छोड़ दें| शांत हों, सब टेंशन को इस समय पीछे छोड़ दें| मन में बोलें “कोई टेंशन, कोई चिंता या सोच अभी मुझसे दूर है, मैं शांत हूँ, relaxed हूँ”|
इस तरह गहरी सांस लेना छोड़ना ही प्राणायाम है, और इस तरह जब आप प्राणायाम करते हुए शरीर के किसी हिस्से पर अपनी चेतना को focus करते हैं तो आप अपनी प्राणशक्ति को उस area में भेजते हैं, जिससे वो area स्वस्थ्य होता है और आप अद्भुत शान्ति और relax feel करते हैं| विश्वास करें,यह आश्चर्यजनक है, मेरा निजी अनुभव है|
अब कमर के area में अपनी चेतना को लायें, और धीरे धीरे नीचे आयें, शरीर का पृष्ठ भाग, कूल्हे के muscles, गुप्तांग, दोनों जांघ से उतारते हुए बारी बारी से दोनों पैरों को एडी और उँगलियों तक cover करें| मन में बोलें “relax….मेरे कमर के muscles, हड्डियाँ, कुल्हा, जांघ, घुटने, एडी और उंगलियाँ सब relax हों, शांत हों…. मैं शांत हूँ….सुकून में हूँ”|
Relaxation technique – final step
गहरी सांस लेते रहें| अब पैरों से सर तक अपनी चेतना से अपने शरीर को scan करें| अब आत्मपुरुष को संबोधित करें| आत्मपुरुष हमारा higher self है, अंतरात्मा है| “हे अंतरात्मा, मेरे पूरे शरीर को प्राणशक्ति से स्वस्थ करें, ठीक करें, मेरे शरीर का हर पार्ट, हरेक नस, हरेक तंतु, फाइबर, हरेक मांसपेशी, हरेक हड्डी और पूरा नर्वस सिस्टम भला हो, चंगा हो, स्वस्थ हो” इस तरह feel करते हुए अपनी चेतना, अपने attention को पूरे शरीर में ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर scan करते हुए, ले जायें| इस शान्ति और सकून में जितने देर चाहें, रुकें|
ये पूरा Relaxation technique सेशन 12-15 मिनट में हो जाता है| इस अद्भुत Relaxation technique को आप कर्मठता से सिर्फ एक हफ्ता कर के देखिये, आप इसके results से अचंभित रह जायेंगे| आपका immune सिस्टम (प्रतिरक्षी तंत्र) एकदम चुस्त दुरुस्त होगा और आप बहुत energised feel करेंगे| इसमें खोने को कुछ भी नहीं है, सिर्फ पाना ही है| You have nothing to loose, only gains!
इस article के अगले भाग में मैं इस relaxation का अगला पार्ट, यानी ध्यान (Meditation) का एक बहुत ही सरल तकनीक discuss करूंगा|
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