Mars transit 2016 remedy – मंगल 18 सितम्बर 2016 को Delhi समय के मुताबिक सुबह 8:12 मिनट पर वृश्चिक राशी को छोड़ कर धनु राशी में प्रवेश करेंगे| 20 फ़रवरी 2016 को मंगल ने वृश्चिक राशी में शाम 4:42 मिनट पर प्रवेश किया था जहाँ शनि पहले से ही विद्यमान थे| तकरीबन सात मुश्किल महीने के बाद finally 18 सितम्बर 2016 को शनि-मंगल योग टूटेगा|
इस अवधि के दौरान वक्री गति में मंगल तुला राशी में भी गोचररत रहे, पर ज्यादा समय शनि के साथ वृश्चिक में ही बिताये| वृश्चिक से शनि के साथ स्थित मंगल ने कुम्भ राशी, वृषभ राशी और मिथुन को अपने क्रूर दृष्टि से परेशान रखा| ये राशियाँ और इनमे उपस्थित ग्रह सब इस दौरान काफी ज्यादा पीड़ित रहे|
ये समय individually और दुनिया के लिए भी बड़ा ही ख़राब समय रहा है जब दो अनिष्टकर, अशुभ (विशेषकर हिंसक व आक्रमक मंगल) और परस्पर शत्रु ग्रह कालपुरुष के अष्टम भाव में गोचर कर रहे थे| पूरा आतंक योग बना हुआ था जिसमे 18 सितम्बर 2016 के बाद धीरे धीरे सुधार होगा|
मंगल दोष क्या है ?
ज्योतिष में मंगल को क्रूर और अनिष्टकर ग्रह माना गया है| जन्म लग्न से दूसरे, चौथे, सातवें, आठवें और बारहवें भाव में यदि मंगल स्थित हो तो ये मंगल दोष बनता है| स्त्री जातक में विशेषकर यदि मंगल दूसरे भाव में स्थित हो तो विवाह के बाद संतान प्राप्ति में काफी बाधाएं आती हैं क्यूंकि मंगल अपनी चतुर्थ दृष्टि पंचम भाव को देते हैं जिससे गर्भ धारण नहीं हो पाता|
मांगलिक दोष वैवाहिक जीवन को भी विभिन्न प्रकार से प्रभावित करता है – विवाह में विघ्न, विलम्ब, व्यवधान या धोका, विवाहोपरांत दम्पति में किसी एक अथवा दोनों को शारीरिक, मानसिक अथवा आर्थिक कष्ट, मन मुटाव, आरोप प्रत्यारोप तथा विवाह विच्छेद तक| अगर दोष अत्यधिक प्रबल हुआ तो मृत्यु तक हो सकती है|
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विवाह और संतान के अलावा भी मंगल कुंडली में अशुभता दे सकता है| लग्न पर मंगल की दृष्टि जातक को क्रोघी और हिंसक बनाती है| तामसिक प्रवृत्ति का मंगल जिस ग्रह के साथ युति करेगा, उस ग्रह की शुभता पर प्रतिकूल असर डालेगा| अवैध उद्यमों की तरफ झुकाव, हथियारों और गोला बारूद के प्रति आकर्षण, अनुचित सम्बन्ध तथा अपने इच्छा पूर्ति के लिये दूसरों का दमन आदि सब मंगल के प्रभाव से होता है|
साहस के लिए, पराक्रम के लिये, आत्मविश्वास के लिये, नेतृत्व के लिये, शारीरिक शक्ति के लिये, प्रबलता के लिये, भूमि सुख के लिये और आजकल के दौर में निर्दयता से आगे बढ़ने के लिये मंगल का कुंडली में मजबूत होना भी बहुत जरूरी है|
Mars transit 2016 remedy
आज आपको मंगल शांति का एक अचूक उपाय दे रहा हूं जिसे करके आप मंगल के प्रतिकूल प्रभाव को कम कर सकते हैं और अनुकूल भी बना सकते हैं| मंगल की शान्ति के लिए वैसे तो कई उपाय हैं, लाखों जाप का अनुष्ठान है, कई तरह के दान आदि का भी महत्व है, पर कलियुग में सबसे सरल और सबसे अच्छा उपाय है मंगलवार का व्रत और मंगल चंडिका स्तोत्र का पाठ| ये उपाय स्त्री और पुरुष दोनों जातक कर सकते हैं| व्रत से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें की क्या आपकी सेहत व्रत उपवास के लिए अनुकूल है? बिना medical advise व्रत ना करें|
मंगलवार का व्रत – Mars transit 2016 remedy के लिए मंगलवार के व्रत का बड़ा महत्व है| बड़ा ही सरल है ये व्रत| दिन में बिना नमक का तरल पदार्थ (चाय, काफी, दूध, लस्सी, फलों का रस) लें| सांयकाल थाली में रोली से त्रिकोण बनायें तथा पंचोपचार (लाल चन्दन, लाल पुष्प, धुप, दीप, तथा नैवेध्य) से पूजन करें| उसके बाद सूर्यास्त के पूर्व गेंहू की रोटी, घी और गुड का ग्रहण करें| पूरे दिन माँ दुर्गा का ख्याल करें और दुर्गा चालीसा पढ़ें|
मंगल चंडिका स्तोत्र का पाठ: वैसे तो मंगल चंडिका काफी बड़ा स्तोत्र है, संस्कृत में है और पढने में इतना आसान नहीं है| पर Mars transit 2016 remedy के लिए स्तोत्र का ये निम्न portion दे रहा हूँ जिसका पाठ पूरी श्रद्धा से करें, मंगल शान्ति का ये tried and tested उपाय है| मंगल चंडिका के इन श्लोकों का 108 दिन नित्यप्रति 21 जाप करें| शुरू शुरू में कठिन लगेगा, पर जल्दी ही आसानी से पढ़ सकते हैं|
स्तोत्र के नीचे English का उच्चारण तथा मतलब भी दे रहा हूँ क्यूंकि मैं मानता हूँ की जो भी चीज समझ के साथ किया जाये, उससे हमारा तार्किक दिमाग शांत होता है और विश्वास के साथ कर्म करने देता है| नहीं तो क्या और क्यूँ में ही फंसे रह जाते हैं!
प्रातःकाल स्नानादि से निवृत्त होकर पूर्वाभिमुख बैठें और पंचमुखी दीप प्रज्वलित कर अपने इष्ट देव तथा मंगल ग्रह का पंचोपचार पूजन करें (जैसा ऊपर बताया गया है) और Mars transit 2016 remedy के लिए मंगल चंडिका का पाठ करें|
रक्ष रक्ष जगन्मातर्देवी मङ्गलचण्डिके |
हारिके विपदां राषेर्हर्शमङ्गलकारिके ||
हर्षमङ्गलदक्षे च हर्षमङ्गलचण्डिके |
शुभे मङ्गलदक्षे च शुभमङ्गलचण्डिके ||
मङ्गले मङ्गलार्हे च सर्व मङ्गलमङ्गले |
सतां मन्गलदे देवी सर्वेषां मन्गलालये ||
Raksha raksha jagan maatar devi mangala Chandike,
Haarike vipadaam rasher harsha mangala Kaarike.
हे जगत की माता मंगल चण्डिके रक्षा करें, रक्षा करें
विपदाओं का नाश करने वाली और मंगल को हर राशी में प्रसन्न करने वाली मंगल कारिके
Harsha mangala dakshe cha , harsh mangala chandike,
Shubhe mangala dakshe cha , shubh mangala chandike.
भूमि को प्रसन्न और शुभ करने वाली, प्रसन्न और शुभ मंगल चण्डिके
तथा शुभ और प्रसन्न भूमि, जो खुद है शुभ और प्रसन्न चण्डिके
(मंगल को भूमि पुत्र कहा जाता है)
Mangale, mangalaarhe cha , sarva mangala mangale,
Sataam mangalade devi , sarveshaam mangalaalaye.
स्वयं शुभ, शुभता देने वाली देवी, और हर शुभेच्छा को पूर्ण करने वाली
जो सदा सर्वदा मंगल शुभ हैं, हरेक को मंगलता का आशीर्वाद देने वाली हैं|
पूरे भाव से, श्रद्धा और आत्मसमर्पण से मंगल शांति के इस उपाय को करें, और मंगल को अनुकूल बना कर अपने जीवन में उन्नति करें, सदा खुश रहें|
मंगल चंडिका स्तोत्रं को आप Word file के रूप में नीचे इस लिंक से download कर सकते हैं|
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