Garnet gemstone – गोमेद या गार्नेट छाया ग्रह राहू का रत्न है| ज्योतिष में साधारणतया राहू एक पापी अशुभ (malefic) ग्रह माना जाता है| तो पापी ग्रह के लिए क्यों रत्न धारण किया जाये?
राहू हालाँकि कुंडली में अशुभ माना गया है पर यदि केंद्र में स्थित राहू को गोमेद धारण से अनुकूल बना दिया जाये या राहू की दशा में गोमेद (Garnet gemstone) पहना जाए तो यही राहू भौतिक रूप से धन सम्पदा , sudden fortunes आदि प्रदान करने में सक्षम हो जाता है|
एक अच्छे गोमेद (Garnet gemstone) में क्या गुण होने चाहिए?
- एक अच्छे गोमेद का रंग गौमूत्र (cow urine) की तरह या शुद्ध शहद (honey colour) की तरह होना चाहिये|
- ज्योतिषीय उद्देश्यों के लिए सिर्फ ग्रोस्सुलराईट जाती का हेस्सोनाईट गार्नेट (Grossularite Hessonite Garnet) ही पहनना चाहिये|
- Light के against देखने पर एक अच्छा गोमेद (Garnet gemstone) शहद से भरा liquid जैसा दिखता है|
- पत्थर की सतह पर कोई खरोंच या dent नहीं होना चाहिये|
- पत्थर किसी कोने से टूटा चटका नहीं होना चाहिये|
- पत्थर के अन्दर काले धब्बे (black spots) नहीं होने चाहिये|
गोमेद (Garnet gemstone) की प्रजाति Hessonite कई रंगों में आती है| इस प्रजाति के समस्त रंगों में शास्त्रोक्त रंग जो राहू से सम्बंधित है वो गौमूत्र के जैसे, शुद्ध शहद (honey colour ) के जैसे रंग को प्रतिबिंबित करने वाला रत्न है|
Garnet gemstone अलग अलग रंगों के खनिज का समूह है जिनकी crystal structure व chemical components सामान होते हैं| ये रत्न पन्ने जैसे हरे रंग से लेकर लाल, संतरी, पीले और भूरेपन लिए काले रंग तक आते हैं|
शनि की तरह राहू भी एक भयावह, रहस्यात्मक, अनिष्टकर और क्रूर ग्रह है जो यदि कुंडली में अनुकूल स्थिति में न बैठा हो तो अपनी दशा या अंतर दशा में जीवन में तबाही मचा देता है|
वास्तव में ज्योतिष के कुछ विभागों में राहू और केतु को समस्त ग्रहों में सबसे ज्यादा शक्तिशाली माना गया है क्यूंकि सिर्फ राहू और केतु ही सौरमंडल के प्रकाशीय ग्रह, यानि सूर्य और चन्द्र को ग्रस कर, उन्हें निस्तेज कर सूर्य ग्रहण या चन्द्र ग्रहण का कारण बनते हैं|
शास्त्रों में इन्हें “चन्द्रादित्य विमर्दनम” कहा गया है याने चन्द्र और आदित्य को यंत्रणा देने वाले| शास्त्र कहते हैं “कुजावत केतु शनीवत राहू” मतलब राहू शनि की तरह बर्ताव करते हैं और केतु कुजा याने मंगल की तरह पेश आते हैं|
कुंडली में प्रतिकूल रूप से बैठा राहू विश्लेष्णात्मक बुद्धि का नाश कर जातक को तर्क और विवेकहीन कर मति-मंद बना सकता है| नाग का जहर से भरा शिखर भाग है राहू है इसीलिए प्रतिकूल राहू पकड़ में ना आने वाले असाध्य मनो-रोग, शारीरिक रोग, आत्महत्या के प्रति झुकाव, डर एवं आशंकाएं, आलस्य की प्रेरणा (induces lethargy), असंवेदनशीलता एवं स्वार्थता आदि दे सकता है|
कुंडली का सूक्ष्म विश्लेषण कर अनुकूल राहू के लिए गोमेद रत्न (Garnet gemstone) का धारण जातक को राजनीति में सफलता, धन सम्पदा, शारीक सुन्दरता आदि के साथ अचानक ऐश्वर्य (sudden fortunes) जैसे लाटरी या शेयर बाजार में अचानक लाभ आदि देने में समर्थ कर देता है|
खासकर राहू के रत्न गोमेद (Garnet gemstone) को कुंडली के गहन विश्लेषण के बाद ही धारण किया जाना चाहिये| कई बार राहू के साथ युति करने वाले ग्रहों को भी सशक्त करने के लिए गोमेद को दुसरे रत्नों के संयुक्ति (combination) से पहनना पड़ता है|
मैं स्वयं एक रत्न विशेषज्ञ (Gemologist) एवं ज्योतिषी हूँ, इसकर कोई भी रत्न निर्धारण से पूर्व बड़ी ही बारीकी और गहन विश्लेषण के बाद ही रत्नों को निर्धारित करता हूँ|
रत्न धारण का बड़ा ही ख़ास वैदिक अनुष्ठान है जिसके द्वारा रत्नों का शुद्धीकरण करके, पहनने वाले के चक्रों से रत्न के उर्जा को ट्यून करके रत्न पहना जाता है| इस अनुष्ठान से पहना हुआ रत्न जातक को वो सब फल देता है जिसके लिए रत्न धारण किया गया है|
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