Cats eye gemstone – राशीरत्न लहसुनिया किस लिए पहना जाता है? लहसुनिया छाया ग्रह केतु का रत्न है और केतु को साधारणतय अशुभ ग्रह माना जाता है| फिर क्यों इस रत्न को धारण किया जाए ये एक प्रश्न है जो generally मन में उठ सकता है|
केतु हालाँकि कुंडली में अशुभ ग्रह माना जाता है मगर अगर यही केतु कुंडली में अनुकूल रीति से स्थित हो तो इसे मोक्ष कारक ((liberator from the cycle of births & deaths) भी माना जाता है|
अनुकूल स्थिति में केतु धार्मिक प्रकृति, विरक्ति, ज्ञान, विभेदन क्षमता (power of discrimination) और आध्यात्मिक ज्ञान आदि प्रदान करता है|
शास्त्र कहते हैं “कुजावत केतु शनिवत राहू” मतलब केतु, कुजा याने मंगल की तरह और राहू शनि की तरह आचरण करते हैं| परन्तु केतु मंगल से भी ज्यादा विध्वंसकारी हो सकता है अगर ये कुंडली में अशुभ स्थिति में हो या किसी और अशुभ ग्रह के साथ युत हो |
केतु जिस भाव में बैठता है उस भाव के कारकत्व का नाश कर देता है और युति करने वाले ग्रह की शक्ति को भी क्षीण कर देता है| कुडंली के अतिसूक्ष्म परीक्षण के बाद अच्छी quality का लहसुनिया (Cats eye gemstone) रत्न धारण अति उत्तम साबित हो सकता है और केतु को अनुकूल बनाने में सक्षम होता है|
एक अच्छी quality के लहसुनिया (Cats eye gemstone) में क्या गुण होने चाहिए ?
- पत्थर की सतह से प्रकाश किरण (reflect band of light ) दूधिया सफ़ेद, हरा सा सफ़ेद, स्वर्णिम और हलके पीले रंगों में अच्छी तरह प्रतिबिंबित होनी चाहिए|
- पतली सुई जैसे प्राकृतिक समावेश हों (inclusions) जो रत्न के सतह पर ही होते हैं|
- एक अच्छे किस्म के लहसुनिया (Cats eye gemstone) में बढ़िया दूध शहद असर (milk & honey effect) होना चाहिए|
- पत्थर को घुमाने पर इसकी आँख जोकि बीच में और तीखी होनी चाहिए, वो अच्छी तरह खुलनी बंद होनी चाहिए|
- रत्न की सतह चमकीली soft होनी चाहिए|
- रत्न की सतह चटकी crack नहीं होनी चाहिए|
- रत्न समतल होना चाहिए और रत्न के सतह पर किसी तरह का dent, खरोच या गड्ढा नहीं होना चाहिए|
वास्तव में लहसुनिया (Cats eye gemstone) का जो Cats eye effect है (बिल्ली की आँख जैसी) वो प्रकाश का एक दृग्विषय (phenomenon of light) है जिसे रत्नविज्ञान की भाषा में चेटोयेंसी (Chatoyancy) कहते हैं|
ये एक तरह की प्रकाश किरण (light band) है जो गोल तराशे हुए रत्नों के ऊपर दिखती है जो अन्दर से बिल्ली की आँख की तरह चमकती है तथा जिसमें बिल्ली की आँख की तरह ही हलकी सफ़ेद धारियां भी रहती है|
लहसुनिया (Cats eye gemstone) की आंतरिक सरंचना को समझते हैं|
- लहसुनिया रत्नखनिज क्राइसोबेरिल (Chrysoberyl) से उत्पन्न बेरिल (Beryl) की एक प्रजाति है|
- ये बेरिलियम एल्युमीनियम (beryllium aluminium) का मिश्रण है|
- इसमें लोह ऑक्साइड (oxide of iron) तथा क्रोमियम (chromium) के अवशेष रहते हैं जिससे लहसुनिया को भूरे और हरे रंगों की अनेक रंगत मिलती है|
“Cats eye” जो short term लहसुनिया के लिए प्रयोग किया जाता है वो हमेशा Chrysoberyl प्रजाति ही होती है| सब दूसरे प्रकार के Cats eye रत्न के साथ एक और अतिरिक्त नाम जुड़ना जरूरी है|
दूसरे Cats eye रत्नों में डायपसाइड, कैट्स ऑय अपेटाइट, cats eye Sillimanite, कैट्स ऑय तुर्मुलीन, cats eye Tiger eye तथा Hawk’s eye Quartz आदि आते हैं|
मैं स्वयं एक रत्न विशेषज्ञ (Gemologist) एवं ज्योतिषी हूँ, इसकर कोई भी रत्न निर्धारण से पूर्व बड़ी ही बारीकी और गहन विश्लेषण के बाद ही रत्नों को निर्धारित करता हूँ| अच्छी quality और अच्छे price के, मेरी अपनी लैब में चेक किये हुए लहसुनिया रत्न न केवल मैं उपलब्ध कराता हूँ बल्कि इसे पहनने का एक बड़ा ही ख़ास अनुष्ठान भी करवाता हूँ|
रत्न धारण का बड़ा ही ख़ास वैदिक अनुष्ठान है जिसके द्वारा रत्नों का शुद्धीकरण करके, पहनने वाले के चक्रों से रत्न के उर्जा को ट्यून करके रत्न पहना जाता है| इस अनुष्ठान से पहना हुआ रत्न जातक को वो सब फल देता है जिसके लिए रत्न धारण किया गया है | ये अनुष्ठान अपने clients को मैं personal guidance में करवाता हूँ|
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