Ashtami Navratri 2016 नौवां दिन (अष्टमी तिथि) 09 अक्टूबर रविवार – माँ महागौरी पूजा|
Ashtami Navratri 2016 में अष्टमी तिथि 08 अक्टूबर शनिवार को 21:24 से प्रारम्भ होकर 09 अक्टूबर रविवार 22:30 तक रहेगी|
सरस्वती प्रधान पूजा मुहूर्त 06:22 से 12:07 तक है| ये सरस्वती पूजा का दूसरा और प्रधान पूजा का दिन है|
माँ महागौरी स्वरुप – जगत जननी माँ जगदम्बे शेरों वाली का आठवां रूप महागौरी का है| आद्य शक्ति माँ के इस शक्ति अवतार की मुद्रा एकदम शांत है, वर्ण एकदम श्वेत है जिसकी उपमा शंख, चंद्रमा और कुंद के फूल से की गयी है| इनके वस्त्र, आभूषण अलंकर सब शेत हैं| श्वेत वृषभ (सफ़ेद बैल) के वाहन पर सवार माँ के इस अतिसुन्दर अद्भुत रूप की चार भुजाएं हैं| इनका ऊपर का दाहिना हाथ अभय मुद्रा में है जो भक्तों की रक्षा में सदैव तत्परता दिखाता है| इनके निचले दाहिने हाथ में त्रिशूल सुशोभित है| इनके ऊपर वाले बाएं हाथ में डमरू और निचला बायाँ हाथ वर मुद्रा में है जो भक्तों की हर इच्छा पूर्ण करने का आशीर्वाद देता है|
Ashtami Navratri 2016 – आठवें दिन महागौरी की पूजा अर्चना आराधना भक्तों के लिए अति कल्याणकारी है| माँ के इस रूप की कृपा से भक्तों के सब पाप, दोष, संताप दुःख, दारिद और पूर्व संचित पाप तक नष्ट हो जाते हैं| अलौकिक सिद्धियों और और अक्षन्य पुण्यों की प्राप्ति के लिए महागौरी उपासना वांछित फल देती है|
Ashtami Navratri 2016 के दिन का निर्धारित रंग जामुनी (Purple) है और देवी को रात की रानी के फूल पसंद है|
माँ महागौरी का दिव्य चरित्र
माँ पार्वती के रूप में माँ जगदम्बा ने शिव को प्राप्त करने के लिए बड़ी कठोर तपस्या करी| हजारों वर्ष कठिन कठोर तपस्या से माँ का वर्ण एकदम काला पड़ गया| जब इनकी तपस्या से प्रसन्न होकर शिवजी ने इन्हें दर्शन दिये और माँ के शरीर को पवित्र गंगा जल से धोया, तब माँ का वर्ण कान्तिमान और तेज से भर उठा – तभी से ये स्वरुप महागौरी कहलाया|
Ashtami Navratri 2016 के नौवें दिन (अष्टमी तिथि) माँ महागौरी पूजा के मन्त्र
वैसे तो देवी महात्यम में, शिवपुराण और शास्त्रों में बहुत से मन्त्र और स्तोत्र हैं पर जैसा की मैं कहता आया हूँ आजकल के इस भाग दौड़ की जिन्दगी में, जहाँ हम लोग समय के पीछे भागते रहते हैं – बहुत लम्बे जाप के लिये समय निकालना मुश्किल हो जाता है| दूसरी अड़चन आती है संस्कृत के उच्चारण की, तो बड़े बड़े स्तोत्र संस्कृत के सही उच्चारण से भाग दौड़ के इस जीवन में पढना मुश्किल हो जाता है| विकल्प के रूप में किसी पंडित या पुरोहित से पूजा करवा लें – ये भी इतना आसान नहीं क्यूंकि इन दिनों में विद्वान् पंडित आसानी से मिलते ही नहीं| वैसे भी अपने जीवन के उत्थान के लिए, अपने जीवन के दुखों को दूर करने के लिए क्यूँ ना हम खुद जगत जननी माँ जगदम्बिके की अराधना करें?
इन्ही सब बातों को ध्यान में रखते हुए मैं आज आपको Ashtami Navratri 2016 में माँ महागौरी पूजा के कुछ छोटे, आसान पर बहुत ही प्रभावशाली मन्त्र दे रहा हूँ जिसका बताई गयी संख्या में जाप करें और पूजा संपन्न करें|
माँ भगवती का Ashtami Navratri 2016 में पंचोपचार पूजन करें और माँ महागौरी के ऊपर बताये गए रूप का ध्यान करें| अब नौ बार निम्न मंत्र का उच्चारण करें:
ॐ देवी महागौर्यै नमः|| (Om Devi Mahagauryai Namah)
इसके बाद निम्न मन्त्र का तीन उच्चारण करें:
श्वेते वृषेसमारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः|
महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा||
(Shwete Vrishe-samaaroodha Shwetaambar-dhara Shuchih
Mahagauri Shubham Dadyaan-mahaadev Pramodada)
फिर निम्न मंत्र का भी तीन उच्चारण करें:
वन्दे वाञ्छित कामार्थे चन्द्रार्धकृतशेखराम|
सिंहारूढा चतुर्भुजा महागौरी यशस्विनीम्||
(Vande Vaanchhita Kaamaarthe Chandrardh-krit-shekharaam।
Simhaaroodha Chaturbhuja Mahagauri Yashasvinim)
अब नौ बार निम्न मंत्र पढ़ें:
या देवी सर्वभूतेषु माँ महागौरी रूपेण संस्थिता | नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ||
(Yaa devi sarva bhooteshu maa mahagauri roopen samsthita namastasyai namastasyai namastasyai namo namah)
पूजा के अंत में जाने अनजाने में हुई गलती के लिए क्षमा प्रार्थना करें:
आवाहनम न जानामि न जानामि विसर्जनम|
पूजाम चैव ना जानामि क्षम्यताम परमेश्वरी||
मंत्रहीनम क्रियाहीनम भक्तिहीनम सुरेश्वरी|
यत्पूजितम मया देवी परिपूर्ण तदस्तु में||
मंत्र बोलने में कठिनाई हो तो भाव से क्षमा प्रार्थना करें की हे माँ कालरात्रि रूपेण आद्य शक्ति, हे जगत जननी माँ दुर्गा परमेश्वरी, जाने अनजाने में अगर मुझसे कोई गलती हो गयी हो मुझे क्षमा करें, मेरी पूजा स्वीकार कर मुझे कृतार्थ करें| मुझ पर और मेरे परिवार पर सदा कृपा दृष्टि रखें| जैसा मैं अपने हर article में कहता हूँ – पूजा या किसी भी भगवत सेवा, पूजा आराधना में भाव सबसे महत्वपूर्ण है, भाव से की जाने वाली पूजा ही देव को सबसे ज्यादा प्रिय है|
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