Coral gemstone – मूंगा रत्न मंगल ग्रह का रत्न है| ये कहा जाता है की मूंगा धारण करने से बुरी नजर, बुरी आत्मा और शैतानी ताकतें धारक को स्पर्श भी नहीं कर सकती|
इसके अलावा आंधी झंझावात एवं प्राकृतिक बिजली के झटके भी मूंगा धारण करने वाले को स्पर्श नहीं कर सकते| मंगल का ऐसा कौन सा कारकत्व है जो मूंगा धारण से activate हो जाता है? आइये जानते हैं|
मंगल ग्रह को अंगारक, कुजा और रुधेर आदि से भी जाना जाता है| कुजा मतलब धरती से उत्पन्न और रुधेर रक्त से सम्बंधित है| लाल वर्ण, हिंसक एवं तामसिक प्रकृति के कारण मंगल को अंगारक कहा गया है जिसका मतलब है भीषण अंगारों के सामान ज्वलनशील|
शास्त्रों में शूरवीर योद्धा के रूप में ये देवताओं के सेनानायक, commander-in-chief हैं और मूंगा इन्ही का पत्थर है| मूंगा (Coral gemstone) धारण से जब मंगल बली और सशक्त हो जाते हैं तो इनका commander-in-chief का कारकत्व प्रबल हो कर तामसिक ताकतों से धारक की रक्षा करता है|
कुंडली में यदि मंगल अशुभ स्थिति में, संतप्त या पीड़ित हो तो ये जातक को क्रूर, आक्रामक, हिंसक व rude बनाता है तथा महत्वाकांक्षा विहीन एवं उत्प्रेरणा विहीन जीवन देता है| ऐसे लोग जीवन में सफल नहीं होते|
इसके अलावा ऐसा तप्त मंगल खून व पित्त के विकार, कटना, चोट, आंधी तूफ़ान से हानि और और जख्म, गोली के घाव, बिजली के झटके, ज्वर, ulcer और पेट की बीमारियाँ आदि कर जीवन को अभिशप्त का देता है|
मंगल को सशक्त करने के लिए अच्छी quality का एक लाल मूंगा (Coral gemstone) धारण करना चाहिये| अच्छी quality का मूंगा (Coral gemstone) धारक को सौभाग्य, ऐश्वर्य, भूमि आदि का आशीर्वाद दे सकारात्मक उर्जा प्रदान करता है| ऐसा मूंगा धारक को बुरी आत्माओं, bad vibrations, आंधी चक्रवात व बिजली के गिरने आदि से बचाता है और जातक पर किसी की भी बुरी नज़र का दुष्प्रभाव नहीं पड सकता| कुंडली का अतिसूक्ष्म विश्लेषण के बाद ही मूंगा धारण करना चाहिए|
एक अच्छे मूंगे (Coral gemstone) में क्या गुण होने चाहिए?
- एक अच्छा मूंगा आकार में सम (even in shape) होना चाहिए, रत्न की सतह असमतल नहीं होनी चाहिये|
- एक अच्छे मूंगे (Coral gemstone) का रंग चमकता भूरा लाल होना चाहिये|
- इसकी बनावट गोल या अंडाकार (round or oval ) होनी चाहिये हालाँकि आजकल wastage बचाने के लिये तिकोना मूंगा भी आता है जो ज्यादातर ज्वेलरी में प्रयोग होता है|
- एक अच्छे मूंगे की feel और चमक शहद के सामान नाजुक और smooth होती है|
- अच्छी quality का मूंगा (Coral gemstone) घना होता है और ये आकार के अनुपात में thick होता है|
- इसकी सतह पर किसी तरह का dent या खरोंच नहीं होनी चाहिये|
मोती की तरह मूंगा (Coral gemstone) भी खनिज पदार्थ आधारित रत्न नहीं है बल्कि जैविक पदार्थ आधारित रत्न है| मूंगा रत्न दो प्रकार के होते हैं – पहला शंखाभ मूंगा (Conchoilin coral) और दूसरा कैल्शियम युक्त मूंगा (Calcareous Coral)
शंखाभ मूंगा ((Conchoilin coral) एक प्रकार की सामुद्रिक प्राणियों के colonies के कंकालीय (skeletal) अवशेष हैं| मूंगे की इस प्रजाति का मुख्य अंश कैल्शियम (CaCO3) न होकर प्रोटीन होता है|
कैल्शियम युक्त मूंगा (Calcareous Coral) प्रधानतया एक यौगिक पदार्थ (chemical compound) है जिसमे कैल्शियम कार्बोनेट और Oxygen रहता है|
मूंगा कंकाल की तरह टहनियों का ढांचों (skeleton like branch structure) के स्वरुप में पाया जाता है है जो छोटे छोटे समुद्री जीव – coral polyps – हजारों सालों में बनाते हैं और जो 3 से 300 मीटर तक समुद्र की गहराई में पाए जाते हैं | (कभी कभी 2000 मीटर तक भी, गहरे समुद्र के मूंगे की बात करें तो)
रत्न धारण का बड़ा ही ख़ास वैदिक अनुष्ठान है जिसके द्वारा रत्नों का शुद्धीकरण करके, पहनने वाले के चक्रों से रत्न के उर्जा को ट्यून करके रत्न पहना जाता है| इस अनुष्ठान से पहना हुआ रत्न जातक को वो सब फल देता है जिसके लिए रत्न धारण किया गया है |
Join the Discussion!