Dhanu rashi in Hindi – धनु राशी के स्वामी ब्रहस्पति हैं और इस राशी में ब्रहस्पति की महत्वाकांक्षा और उद्यमशीलता का कारकत्व निखर कर आता है| धनु राशी के जातक अवसरवादी और जीवन में उत्साह्पूरक होते हैं|
ब्रहस्पति के सकारात्मक गुण धनु में ज्यादा पाये जातें हैं| साधारणतया ये धार्मिक प्रवृत्ति के होते हैं तथा इश्वर से डरने वाले होते हैं| आमतौर पर ये शरीर से भारी और आकर्षक व्यक्तित्व वाले होते हैं| उच्च शिक्षा से Sagittarius Dhanu राशी का खास लगाव होता है| अगर हो सके तो ये जातक सारा जीवन university में गुजारना चाहेंगे ! इनमे स्नातकोत्तर (पोस्ट ग्रेजुएट) और PhD वगैरा लेकर Professor बनने की इच्छा रहती है|
राशी की जब बात करते हैं तो इसका मतलब है की आपकी जन्म कुंडली में जहाँ पर भी चन्द्रमा या Moon स्थित होता है वो भाव राशी कहलाती है| इस तरह कुम्भ राशी का मतलब जिस कुंडली में भी चन्द्रमा (Moon) कुम्भ राशी (Aquarius sign) में हो तो वो जातक कुम्भ राशी का जातक कहलायेगा|
ज्योतिष में हर राशी का:
- अपना स्वाभाव होता है जैसे स्थिर राशी – चर राशी| (fixed – movable sign)
- अपना लिंग होता है| (male-female)
- अपना तत्व होता है| (अग्नि, वायु…)
- दिन रात का बल होता है| (दिवा बलि – रात्रि बलि)
- अपनी दिशा (direction) होती है|
- रहने की जगह होती है|
- राशी के उठने का style होता है|
- इनके पद भी होते हैं| (चार पैरों वाली – दो पैरों वाली आदि)
राशी के इन उपरोक्त बातों का हमारे जीवन से क्या सम्बन्ध है?
ज्योतिष में चन्द्रमा को सबसे महत्वपूर्ण माना गया है क्यूंकि शास्त्र कहते हैं “चन्द्रमा मनस्सोजातः” यानि चन्द्रमा मन का कारक है| हमारी सोच, emotions, चिंताशक्ति सब चन्द्र से प्रभावित है| इसीलिए जिस राशी में चन्द्रमा होगा उस राशी का तथा उस राशी के स्वामी का असर हमारी सोच, बुद्धि व चिंताशक्ति पर होगा| चन्द्रमा चूंकि राशीश होते हुए, मन मस्तिष्क का कारक है तो उपरोक्त चीजें हमारे पसंद नापसंद, मानसिक झुकाव एवं कार्य करने के तरीकों को प्रभावित करती हैं|
धनु राशी (Sagittarius Dhanu in Hindi) के लोगों की खास विशेषतायें क्या हैं?
- अवसरवादी (opportunistic)
- उत्साहपूर्ण
- विस्तीर्ण, व्यापक
- आशावादी
- दार्शनिक प्रक्रतिIntellectual
- धार्मिक एवं अध्यात्म के प्रति इनमे एक अंदरूनी खोज
- Strong will इच्छाशक्ति और प्रतिबद्धता
- Commitment
- दूसरों की मदद और मार्गदर्शन के लिए तत्पर
- Dynamic
- हंसमुख एवं प्रसन्नचित
- इमानदार एवं शुद्ध
- दूरदर्शी
- उद्यमी
- God fearing
- सच्चे व विनीत
- बल वश नियंत्रण में न आने वाले मगर समझाबुझा कर मनाया जा सकता है|
- अच्छे आयोजक (organisers)
मीन राशी के नकारात्मक गुण
- अस्थिरमति (indecisive)
- व्याकुल
- ज्यादा व्यग्रता
- बेरूख
- अकुशल
- बेपरवाह
- डींग मारनेवाले
- नैतिकता पर दूसरों को उपदेश देने वाले
- मुश्किलों में escape ढूँढने वाले
ब्रहस्पति ज्ञान knowledge और विस्तार के ग्रह हैं| इस पुरुष राशी एवं अग्नितत्व राशि में ये quality महत्वाकांक्षा और उद्यमशीलता बन जाती है | धनु राशि (Sagittarius Dhanu in Hindi) का द्योतक चिह्न आधा धनुषधारी और आधा अश्व (घोडा) है जो इस राशि के द्विस्स्वभाव को इंगित करता है| इस धनुर्धर के हाथ में तीर कमान है जो इस राशि की तीर के सामान दूरदर्शिता और नये मुकामों को खोजने की विशेषता दिखाता है|
धनु राशी (Sagittarius Dhanu in Hindi) के लोग उस ज्ञान का अनुसरण करते हैं जो इन्हें उन्नति के रास्ते में मदद करे| ये अपने विचारों को प्रकट करने में प्रवीण होते हैं और दूसरों की भावन का ख्याल न रखते हुए, जो बोलना हो बोल देते हैं| Professionally ये लोग उत्तम अध्यापक, लेखक, शोध कर्ता, वैज्ञानिक, priests, astronomers, दार्शनिक या न्यायपालिका से जुड़े हो सकते हैं|
Relationship – रिश्तों में धनु राशी के लोग आज़ादी की मांग करते हैं और प्यार में बहुत दरियादिल होते हैं| ये अपने partner को space देते हैं और उनसे भी यही expect करते हैं| इनके लिए bed पर intellectual discussion यौन क्रिया से ज्यादा महत्व रखता है ! और इसीलिये ये अपने जीवन में low sex drive वाले partner को prefer करते हैं| धनु राशि का आदर्श जोड़ा मेष या सिंह राशी है|
राशिमंडल की नवम राशि धनु (Sagittarius Dhanu in Hindi) है| इसका वर्ण पीला, कद छोटा, बड़ा सिर व गला, लम्बा चेहरा, उन्नत नाक एवं कान, विकसित ढांचा, मांसल पेट, बाहें और जंघा, हलके भूरे बाल, दिखने में अच्छे प्रसन्नचित तथा भारी भरकम होने की गुंजाईश रहती है| इस वर्णन का मतलब ये नहीं की इस राशी के जातक ऐसे ही होंगे, overall ऐसी personality होगी तथा साथ ही लग्न, लग्न में बैठे या लग्न को दृष्टि देने वाले ग्रह, लग्न का नक्षत्र आदि अन्य चीजें मिलकर ही पूरी personality तय करती है|
धनु राशि (Sagittarius Dhanu in Hindi) द्विस्वभाव राशी, पुरुष राशी व अग्नि तत्व की राशि है| ये सर की तरफ से या अग्रभाग से उठने वाली रही है जिसे “पृष्ठोदय” राशि कहा जाता है| ये रात्रि में प्रबल होने वाली, पूर्व दिशा की राशि है जो जमीन से सम्बन्ध रखती है तथा युद्धभूमि में रहती है| धनु एक राजकीय राशी है जिसका पहला हिस्सा या अग्रभाग द्विपद (biped) और दूसरा हिस्सा या पृष्ठ भाग चतुष्पद (quadruped) है| धनु राशि के मारक ग्रह शुक्र एवं शनि हैं, बाधकस्थान मिथुन और बाधक स्थान के स्वामी बुध हैं|
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