इस वर्ष Ganesh Chaturthi 25 अगस्त 17 को है| Ganesh Chaturthi गणेशजी का जन्म दिवस उत्सव है| पुराणों के अनुसार भाद्रपद मॉस के शुक्ल पक्ष में गणेश जी का जन्म हुआ था| Ganesh Chaturthi की हिन्दू तिथि 24 अगस्त 17 को 20:27 से शुरू होकर 25 अगस्त 17 को 20:31 पर समाप्त होगी|
इस दिन गणेशजी को अपने घर में स्थापित किया जाता है और यथा शक्ति पूजा, अर्चना, आराधना किया जाता है और अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन किया जाता है| इस स्थापना, पूजा और विसर्जन से दुखों से मुक्ति मिलती है, जीवन में उन्नति और खुशहाली आती है और शुभ फल मिलते हैं| विसर्जन दिवस 5 सितम्बर 17 है|
Ganesh Chaturthi श्वेतार्क गणपति स्थापना
गणपति स्थापना मूर्ति के रूप में या मिटटी के गणेश के रूप कर सकते हैं| इसके आलावा श्वेतार्क गणपति एक विशेष रूप है जो श्वेतार्क नाम के पौधे की जड़ से निर्मित है| श्वेतार्क की जड़ बड़ी विशेष मानी जाती है और तंत्र मंत्र में काफी उपयोग में लायी जाती है| इसकी जड़ negative forces को absorb करती है और prosperity को attract करती है|
श्वेतार्क गणपति आप मुझसे प्राप्त कर सकते हैं| ये एक छोटा, बेहद हल्का स्वरुप है जिन्हें आप अपने घर के मंदिर में स्थापित कर सकते हैं और ये environment friendly natural product है| इन्हें स्थापित कर के, यथा शक्ति इनकी पूजा करें, अर्चना दें अगले साल फिर घर में आने का निमंत्रण दे कर विसर्जन करें|
जिन्होंने पिछले साल मुझसे श्वेतार्क गणपति मंगा कर स्थापना करी थी, वे अब फिर ये दिव्य रूप मंगा कर स्थापना कर सकते हैं|
Ganesh Chaturthi गणपति स्थापना और पूजा मुहूर्त
अपने घर में गणपति स्थापना 25 अगस्त को कर सकते हैं| मध्याह्न काल में करना उत्तम है क्यूंकि शास्त्रों के अनुसार मध्याह्न काल में गणेशजी का जन्म हुआ था| मुहूर्त 11:06 से 13:39 तक है| स्नानादि से शुद्ध हो कर श्वेतार्क गणपति को किसी छोटे प्लेट पर, गंगा जल या शुद्ध जल छिड़क कर, लाल या पीले वस्त्र पर अपने मंदिर में स्थापित करें| वैसे तो षोडशोपचार पूजा का महात्म्य है, पर इतनी विस्तृत पूजा हरेक के बस में नहीं है और ना ही समय है, इसलिए पूरे भाव से, पूरी श्रद्धा और भक्ति से पूजा करें|
स्थापना करते समय ये मन्त्र बोलें:
ॐ सिद्धि बुद्धि सहिताय श्री महा गणपतये नमः आवाहयामि – स्थापयामि |
मन्त्र बोलने में कठिनाई हो तो भाव से गणपति का आवाहन करें की हे महा गणपति, सिद्धि बुद्धि सहित आप मेरे घर पर पधार कर मुझे कृतार्थ करें| स्थापना करने के बाद घी का दीपक और धूप/अगरबत्ती से आरती करें|
Ganesh Chaturthi सरल पूजा विधि
स्थापना और आरती के बाद थोड़े सिन्दूर को गंगा जल में मिलाकर श्वेतार्क गणपति को तिलक लगायें| फिर फूलों से पुष्पांजलि दें और पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी और मिश्री का मिश्रण) अर्पित करें| अब हाथ जोड़ कर प्रार्थना करें की हे महा गणपति, मेरी पूजा और अर्चना स्वीकार करें, मुझ पर और मेरे परिवार पर कृपा करें और अंग संग रह कर हमारी रक्षा करें|
इसके बाद गणेश आरती करें और कोई भी गणेश मंत्र का उच्चारण करें| एक छोटा मंत्र दे रहा हूँ, जिसका नौ जाप करें:
ॐ वक्रतुण्ड् महाकाय सूर्य कोटि समप्रभा, निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व कार्येषु सर्वदा ||
य गणेश गायत्री के 11 जाप करें:
ॐ एकदन्ताय विदमहे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दन्ति प्रचोदयात् ||
पूजा के अंत में जाने अनजाने में हुई गलती के लिए क्षमा प्रार्थना करें:
आवाहनम न जानामि न जानामि विसर्जनम, पूजाम चैव ना जानामि क्षमस्व गणेश्वर | मंत्रहीनम क्रियाहीनम भक्तिहीनम सुरेश्वर, यत्पूजितं मयादेव परिपूर्ण तदस्तु में ||
मंत्र बोलने में कठिनाई हो तो भाव से क्षमा प्रार्थना करें की हे महागणपति, जाने अनजाने में अगर मुझसे कोई गलती हो गयी हो मुझे क्षमा करें, मेरी पूजा स्वीकार कर मुझे कृतार्थ करें| मुझ पर और मेरे परिवार पर सदा कृपा दृष्टि रखें|
इसके बाद विसर्जन के दिन तक नित्य पूजा करें, पुष्प ना हो तो सिर्फ धूप दीप से करें, पंचामृत की जगह फल चढ़ा सकता हैं|
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Ganesh Chaturthi विसर्जन कब करें?
विसर्जन का दिन वैसे तो अनंत चतुर्दशी है जो 5 सितम्बर को पड़ रही है| 5 सितम्बर मंगलवार है, working day है, उस दिन 09:12 से 13:53 या 15:27 से 17:00 तक या फिर 20:01 से 21:27 तक कर सकते हैं|
यदि आप 5 सितम्बर को नहीं कर सकते तो आप डेढ़ दिन विसर्जन कर सकते हैं – मतलब one and half day गणेश आराधना कर के, 26 अगस्त 17, जो शनिवार है, छुट्टी का दिन है, उस दिन भी विसर्जन कर सकते हैं| समय 12:23 से 17:10 या 18:45 से 20:10 रहेगा|
किसी कारणवश ये विसर्जन ना कर सकें तो तृतीय विसर्जन रविवार 27 अगस्त 17 को सुबह 07:36 से 12:22 या मध्याह्न 13:58 से 15:33 के बीच भी कर सकते हैं|
विसर्जन के दिन पूजा करें, प्रसाद चढ़ाएं और ऊपर दिये मुहूर्त के अनुसार, बड़ी श्रद्धा और आदर से गणपति स्वरुप को बहते पानी में विसर्जन करें| विसर्जन से पहले क्षमा प्रार्थना करें और अगले साल गणपति को फिर आने का निमंत्रण दे कर विसर्जन करें|
Ganesh Chaturthi में चन्द्र दर्शन क्यों नहीं करते?
गणेश चतुर्थी के दिन/रात चन्द्रमा को देखना निषिद्ध है| पुराणों के अनुसार गणेश भाद्रपद मॉस के शुक्ल पक्ष में एक बार अपने वाहन मूषक से गिर पड़े जिसे देख कर चन्द्रमा हंसने लगे| तब गणेश ने चन्द्रमा को श्राप दिया जो कोई भी भाद्रपद मॉस के शुक्ल चतुर्थी के चन्द्र का दर्शन करेगा, उसे कलंक लगेगा, मिथ्या दोष (झूठे आरोप या कलंक) लगेगा|
एक और आख्यान है की एक बार श्रीकृष्ण पर स्यामंतका नाम के बहुमूल्य रत्न को चुराने का दोष लगा था क्यूंकि उन्होंने भाद्रपद मॉस के शुक्ल चतुर्थी के चन्द्र का दर्शन किया था जिस वजह से उनपर भी मिथ्या दोष लग गया था|
Ganesh Chaturthi में चन्द्र दर्शन का निषिद्ध समय
24 अगस्त 17 को 20:27 से लेकर 20:43 तक
25 अगस्त को सुबह 09:10 से रात्रि 21:20 तक|
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