Pearl Gemstone – शास्त्रों में चन्द्र को “चंदमा मनस्सो जातः” कहा गया है यानि चन्द्रमा कालपुरुष के चित्त से उत्पन्न हो कर हमारे मन का कारक है|
एक पीड़ित चन्द्र कुंडली में मन मस्तिष्क को प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर सकता है| मोती चंद्रमा का रत्न है जो खनिज रत्न न होते हुए भी रत्न की category में आता है| खनिज रत्न न होते हुए भी ये रत्न कैसे बना?
मोती की सरंचना
शास्त्रों के अनुसार राशी रत्न मोती (Pearl Gemstone) चन्द्रमा का रत्न है| मूंगे की तरह मोती भी खनिज पदार्थ आधारित रत्न नहीं है बल्कि मूंगे की तरह एक जैविक पदार्थ आधारित रत्न है|
मोती रत्न की सरंचना कैल्शियम कार्बोनेट + एक प्रकार का जैविक तत्व (aragonite/calcite – crystallised form of calcium carbonate) + Conchiolin (गोंद की तरह सीप के सतहों पर जैविक पदार्थ) + जल का सम्मिश्रण है जो एक प्रकार का घोंघा (oyster) सीप के अन्दर उत्पन्न करता है|
चन्द्रमा जल का कारक है, इसका तत्व जल है, समुद्र की लहरों पर इसका राज है एवं वर्षा इसके अधिकार क्षेत्र में है| मोती जल में ही उत्पन्न होता है, जलीय जीवों द्वारा उत्पन्न होता है इसीलिए इसे चन्द्रमा का रत्न माना गया है| मोती (Pearl Gemstone) की ऊपर वर्णित सरंचना इसे बहुत अधिक ठोसता प्रदान कर इसे रत्न बनाती है|
मोती (Pearl Gemstone) कैसे बनता है?
ये रत्न “मोती के सीप” (Mother-of-Pearl (nacre)) के अन्दर निर्मित होते हैं| सीप के अन्दर के भाग में (inside the body of oyster) जहाँ घोंघा होता है वहां कोई बाहरी चीज के प्रवेश से मोती का निर्माण होता है| अपने को बचाने के लिए सीप का घोंघा एक जैविक पदार्थ की सतहें उस बाहरी चीज के चारों ओर लपेटना शुरू कर देता है|
इस जैविक पदार्थ जिसे nacre कहते हैं इसे लपेटते लपेटते बहुत समय बाद मोती का निर्माण होता है| इस पदार्थ की असाधारण ठोसपन व सघनता के कारण इसे तोडना अति कठिन होता है | मोती हलके गुलाबी छटा के साथ सफ़ेद के रंगतों में, सिल्वर, cream, सुनहरा, हरा, नीला और काला तक आता है |
एक अच्छे मोती (Pearl Gemstone) में क्या गुण होने चाहिये?
- एक अच्छे मोती का रंग चन्द्रमा के समान चमकता हुआ सफ़ेद होना चाहिये|
- अच्छा मोती (Pearl Gemstone) गोल और कुच्छ globe के जैसे आकार का होगा| हालाँकि इसकी जो सबसे उत्तम quality “बसरा मोती” है वो perfect गोलाई में नहीं होती, पर बसरे के मोती को मूल्य के हिसाब से gemology में best माना जाता है|
- एक अच्छा मोती ठोसता एवं घनत्व लिए रहेगा, बड़ा और हलका होगा तो ये असली नहीं होगा|
- इसकी सतह एकदम smooth, छूने में नरम फील होगा और इसकी लाइट reflection अच्छी होगी|
- एक अच्छा मोती (Pearl Gemstone) देखने में आकर्षक और सुंदर होना चाहिये|
- इसकी सतह पर किसी तरह का दोष, धब्बा, dent या नोक नहीं होनी चाहिये|
अशुभ स्थिति में बैठे चन्द्र के दुष्प्रभाव को हटाने के लिए तथा मस्तिष्क को प्रबल करने के लिए मोती रत्न का धारण किया जाता है | जब चन्द्रमा कुंडली में अनुकूल रूप से न स्थित हो या क्रूर ग्रहों से युक्त या द्रष्ट हो तो एक शांत और सफल जीवन जीना मुश्किल हो जाता है |
एक पीड़ित चन्द्र अपस्मार रोग, हिस्टीरिया, पागलपन, पक्षाघात, जुकाम बुखार, नेत्र रोग और अन्य रोगों के साथ आँतों से सम्बंधित रोग भी दे सकता है |
मोती रत्न धारण से चन्द्रमा को अनुकूल किया जाये तो ये धारक को हर तरह की ख़ुशी, luxuries, शारीरिक व मानसिक शक्ति, अच्छी याददाश्त देता है और नींद न आने आदि रोग को भी ठीक करने में सक्षम होता है| ये रत्न क्रोध को और उतावलेपन (rash temperament) को शांत करने में तथा मानसिक रोगों को ठीक करने में भी सहायक होता है|
दाम्पत्य जीवन में मोती यौन शक्ति को बढ़ा कर एक अच्छी, सुखी, और प्रेमपूर्वक वैवाहिक जीवन देता है| और जैसा के हर रत्न के बारे में कह चुका हूँ, कुंडली के अतिसूक्ष्म विश्लेषण के बाद ही मोती भी धारण करना चाहिए|
रत्न धारण का बड़ा ही ख़ास वैदिक अनुष्ठान है जिसके द्वारा रत्नों का शुद्धीकरण करके, पहनने वाले के चक्रों से रत्न के उर्जा को ट्यून करके रत्न पहना जाता है | इस अनुष्ठान से पहना हुआ रत्न जातक को वो सब फल देता है जिसके लिए रत्न धारण किया गया है |
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