Saturn Transit में शनि अपने शत्रु ग्रह मंगल के negative राशी वृश्चिक से आगे चलते हुए अपने neutral ग्रह ब्रहस्पति की राशी धनु में गोचर करेंगे| Saturn Transit एक महत्वपूर्ण गोचर है क्यूंकि तकरीबन पिछले तीन साल से शनि के कालपुरुष के अष्टम भाव यानी वृश्चिक के गोचर से दुनिया में जो परेशानियां, आतंक और मुसीबतों का माहौल था उसमे अब आराम मिलने का समय है यह| धनु कालपुरुष की भाग्य राशी नवम स्थान है|
वृश्चिक मंगल की negative राशी है और शनि वैसे भी मंगल की राशी मेष में नीच का होता है इसलिए भी शनि मंगल की राशी में शुभ नहीं माना जाता| और इस बार तो मंगल शनि की युति भी बहुत समय रही और हम सबने Saturn Transit Scorpio का कष्ट भोगा|
वैसे तो सभी ग्रह हमारे जीवन पर अपना अपना प्रभाव डालते हैं पर Saturn Transit में शनि चूंकि एक राशी में सबसे ज्यादा समय – तीन वर्ष तक, गोचर करते हैं और कालपुरुष या Natural Zodiac में कर्म तथा लाभ भाव के स्वामी हैं, इसलिए शनि हमारी कुंडली में किस भाव के स्वामी हैं और कहाँ स्थित हैं, ये हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण role अदा करती है| शनि का नाम ही ज्यादातर लोगों में भय पैदा कर देता है, शनि की महादशा या शनि के साढ़े साती आदि से लोग खौफ खाते हैं – पर यही शनि जीवन के बहुमूल्य lessons सिखाता हुआ, कर्मानुगत पाठ पढाता है|
शनि हमें निरुद्देश्य, अनियमित या आकस्मिक दुःखद तजुर्बे नहीं देता, बल्कि इन दुःसाध्य कष्टों के द्वारा वो हमें अपने जीवन के उच्च लक्ष्य का ज्ञान कराता है, अपने मूल या स्रोत के करीब लाता है| ये अग्नि परीक्षाएं तपा कर मानव को कुंदन में परिवर्तित कर देती हैं| ये परीक्षाएं या तो हमें तोड़ कर फिर उठाना सिखाती हैं या और सख्त होकर हमें और मजबूत बनाती हैं|
कर्माधिपति शनि ज्योतिष के सबसे शुभ ग्रह ब्रहस्पति की राशी धनु में प्रवेश करेंगे – एक तरफ न्यायाधीश और कर्म के स्वामी शनि और दूसरी तरफ शुभ गुणकारी, न्याय, धन संपत्ति और ज्ञान के कारक देवगुरु ब्रहस्पति – ये एक शुभ combination बनेगा|
Saturn Transit calendar
ब्रहस्पति की राशी धनु में शनि का गोचर कुछ इस तरह रहेगा:
Saturn Transit effects
कर्म, न्याय, ज्ञान और शुभता या ये संयोग विशेषकर नियम बनाने वालों, राजनीतिज्ञों और World leaders को सही दिशा देगी| शनि मंगल में जो आतंक योग बना था वो अब टूटना शुरू होगा| धनु में शनि का गोचर अध्यात्म और धर्म को बढ़ावा देगा| उद्योग में, तकनीकी में और उद्यमों में निवेश बढेगा| ब्रहस्पति क्यूंकि ज्ञान के भी कारक हैं इसलिए शिक्षा के क्षेत्र में नीतिगत बदलाव आने के अवसर बनेंगे|
कुछ राशियों पर इस गोचर का ज्यादा शुभ प्रभाव पड़ेगा – कर्क, तुला और कुम्भ के लिए ये गोचर विशेषकर अच्छा समय लायेगा वो इसलिए की शनि इन राशियों से छठे, तीसरे और ग्यारहवें भावों में रहेंगे|
कुछ राशियों के लिए ये शनि के साढ़े साती की अवधि रहेगी| वृश्चिक, धनु और मकर राशी के जातक इसं दौरान साढ़े साती भुगतेंगे| साढ़े साती के दौरान शनि हमारे कर्मानुसार कठिन समय या शुभ फल देते हैं| साढ़े साती ही वो समय है जब शनि हमें जीवन के समस्त पाठ पढ़ाते हैं और शनि बहुत ही सख्त task master हैं|
वृषभ राशी के लिए शनि का ये गोचर अष्टम भाव में अशुभ गोचर रहेगा| आपके job front पर, धन के क्षेत्र में और रिश्तों में आदि मुश्किल समय रहेगा| मेष राशी के लिए ये गोचर भाग्य स्थान में होगा| कन्या राशी के लिए ये समय कंटक शनि का समय है जब शनि राशी से चतुर्थ भाव में transit करेंगे| घरेलु मुश्किलें, तनाव और मानसिक चिंताओं का समय रहेगा|
Saturn Transit के जितने भी reports internet पर हैं या अखबारों में आते रहते हैं या आप TV पर सुनते हैं, वो बहुत ही साधारण सार्वलौकिक जानकारी है| इतने महत्वपूर्ण ग्रह के इतने लम्बे गोचर को गहनता से अध्ययन की जरूरत पड़ती है| कुंडली में शनि किन भावों के स्वामी हैं, किस भाव में स्थित हैं, किस नक्षत्र में हैं, किन ग्रहों के साथ या दृष्टि सम्बन्ध और लग्न आदि – ऐसे कितने ही आयामों के बाद ही अच्छे या बुरे गोचर का निष्कर्ष निकल सकता है| और ऐसे ही निष्कर्ष के आधार पर कोई भी उपाय किया जा सकता है|
Saturn Transit के उपाय
ज्योतिष उपाय भी सर्वसाधारण या सार्वलौकिक नहीं किये जा सकते| कितने लोग मेरे पास आते हैं की आचार्यजी हमने लाल किताब के उपाय किये, TV में बताया उसके उपाय किये, पेपर में पढ़ कर उपाय किये लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा| कोई फर्क इसलिए नहीं पड़ा क्योंकि जब तक आप उपरोक्त विश्लेषण से पूरी picture की पहेली को जोड़ कर नहीं सुलझाएंगे, ग्रह कभी नहीं बोलेंगे की क्या करना है|
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