Rashi in Hindi – जन्म के समय जो राशि पूर्व क्षितिज में उदय हो रही थी वही राशि जन्म कुंडली का उदय लग्न या पहला भाव बनती है| इसी को प्रथम भाव, उदय लग्न या केवल लग्न से भी जाना जाता है|
उस समय जिस राशी में चन्द्रमा होता है वो राशी चन्द्र लग्न या केवल राशी कहलाती है| उदय लग्न के बाद शेष ग्यारह राशियाँ क्रमशः अघटीवत (anticlockwise) रूप से उत्तर भारत style कुंडली में लग कर पूरी कुंडली का निर्माण करती है|
उदय लग्न तथा चन्द्र लग्न या राशी का सम्मिलित प्रभाव हमारे पूरे जीवन पर पड़ता है| कुंडली की इन राशियों में जो ग्रह शुभ या अशुभ स्थिति में होते हैं वो अपना अपना प्रभाव उन भावों पर या जीवन उन पहलुओं पर छोडती है जिनसे वो भाव connected है|
ज्योतिष में हर राशी का:
- अपना स्वाभाव होता है जैसे स्थिर राशी – चर राशी| (fixed – movable sign)
- अपना लिंग होता है| (male-female)
- अपना तत्व होता है| (अग्नि, वायु…)
- दिन रात का बल होता है| (दिवा बलि – रात्रि बलि)
- अपनी दिशा (direction) होती है|
- रहने की जगह होती है|
- राशी के उठने का style होता है|
- इनके पद भी होते हैं| (चार पैरों वाली – दो पैरों वाली आदि)
राशी के इन उपरोक्त बातों का हमारे जीवन से क्या सम्बन्ध है?
ज्योतिष में चन्द्रमा को सबसे महत्वपूर्ण माना गया है क्यूंकि शास्त्र कहते हैं “चन्द्रमा मनस्सोजातः” यानि चन्द्रमा मन का कारक है | हमारी सोच, emotions, चिंताशक्ति सब चन्द्र से प्रभावित है |
इसीलिए जिस राशी में चन्द्रमा होगा उस राशी का तथा उस राशी के स्वामी का असर हमारी सोच, बुद्धि व चिंताशक्ति पर होगा| चन्द्रमा चूंकि राशीश होते हुए, मन मस्तिष्क का कारक है तो उपरोक्त चीजें हमारे पसंद नापसंद, मानसिक झुकाव एवं कार्य करने के तरीकों को प्रभावित करती हैं|
नक्षत्र क्या हैं?
समूचे Zodiac या राशिचक्र में बारह ज्योतिष राशियाँ (Rashi in Hindi) हैं| प्रत्येक राशि का फैलाव 30 डिग्री होते हुए Zodiac या राशिचक्र का पूरा span 360 डिग्री बनती है|
हर राशि की 30 डिग्री में भी आगे विभाजन है जो सवा दो नक्षत्रों से बनता है जिनका 13 डिग्री 20 मिनट प्रति नक्षत्र का अपना फैलाव है| ज्योतिषमंडल में ऐसे 27 नक्षत्र हैं| सवा दो नक्षत्र अन्तरिक्ष में उन ज्योतिष राशियों का रूप बनाते हैं जिन्हें हम नंगी आँखों से आकाशमंडल में देख सकते हैं|
इन राशियों के नाम (Rashi in Hindi) उनके द्वारा बनायीं गई आकृतिओं के अनुरूप ही रखा गया है जैसे – मेष (भेडा) वृष (बैल) आदि| ये पूरा ब्रह्माण्ड पांच तत्वों से बना है जिन्हें पंचमहाभूत कहा गया है| ये हैं पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश| हम मानव और ये राशियाँ भी इन्ही तत्वों से बनी हैं| हर राशि (Rashi in Hindi) का अपना एक तत्व है|
ये बारह राशियाँ जिन भावों में स्थित हों, जो ग्रह यहाँ स्थित हों, जो इन्हें दृष्टि दे रहे हों या जिन ग्रहों का समूह यहाँ स्थित हों – ये सब चीजें फैंसला करती हैं की दुनिया में हम किस प्रकार का जीवन भोगने आयें हैं|
लग्न और राशी में क्या अन्तर है?
अन्तरिक्ष में ग्रह सदा चलायमान रहते हैं| समूचा राशीचक्र चौबीस घंटों में एक बार घूम जाता है तो इस प्रकार 12 राशियाँ तकरीबन 2-2 घंटों के लिए पूर्व में उदय होती रहती हैं|
जन्म के समय जो राशी पूर्व क्षितिज में उदय हो रही थी उसे लग्न या उदय लग्न कहा जाता है| अंग्रेजी में इसे Rising sign कहते हैं| उस समय जिस राशी में चंद्रमा विद्यमान हों, वो राशी चन्द्र राशी चन्द्र लग्न या सिर्फ राशी (Rashi in Hindi) कहलाती है|
उदय लग्न आपकी पूरी personality, आरंभिक जीवन, major रोग आदि दिखाती है, जबकि चन्द्र लग्न या राशी आपके मानसिक प्रवृत्तियों को दर्शाती है|
उदय लग्न पर एवं चन्द्र लग्न पर कोई भी प्रभाव जीवन के अनुकूल और प्रतिकूल परिस्थितियों का द्योतक है| इसी उदय लग्न राशि एवं चन्द्र राशि के सम्मिलित लक्षण जातक पर जीवनपर्यन्त अपना प्रभाव छोडती हैं|
यही बारह राशियाँ मिलकर परम अन्तरिक्षीय कालपुरुष का पूरा शरीर बनाती हैं| ये राशियाँ मेष से शुरू होकर मीन तक अन्तरिक्षीय कालपुरुष को समूचे सर से पैर तक समाविष्ट करती हैं|
नीचे दिए गए links में इन बारह ज्योतिष राशियों के main विशेषताओं (characteristic) का संक्षिप्त वर्णन दिया गया है| हर लिंक एक राशि का है जिसे आप क्लिक कर के पढ़ सकते हैं|
ज्यादा विस्तृत व्यक्तिगत विश्लेषण के लिए, सम्पूर्ण कुंडली का अवलोकन करना पड़ता है जिससे ग्रहों की युति, उनकी दृष्टि, राशिओं में placement आदि को देखना पड़ता है जो व्यक्तिगत कुडंली विश्लेषण का विषय है|
Taurus/वृषभ | Gemini/मिथुन | Cancer/कर्क | |
Leo/सिंह | Virgo/कन्या | Libra/तुला | Scorpio/वृश्चिक |
Aquarius/कुंभ | Pisces/ मीन |
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